नई दिल्ली: अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयरों में गुरुवार को 9% से अधिक गिरावट आई। बीएसई पर कंपनी का शेयर 973 रुपये तक गिरा। ग्लोबल इंडेक्स सर्विसेज प्रोवाइडर एमएससीआई ने इस स्टॉक को एमएससीआई ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स में शामिल नहीं किया। उसने अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के मद्देनजर सेबी के कारण बताओ नोटिस का हवाला देते हुए अडानी एनर्जी के स्टॉक को शामिल नहीं किया। बाजार को उम्मीद थी कि अडानी एनर्जी का स्टॉक ग्लोबल इंडेक्स में शामिल हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस इंडेक्स में भारत के पांच स्टॉक वोल्टास, बीएसई, कल्याण ज्वैलर्स, ओबेरॉय रियल्टी और एल्केम लैब्स को शामिल किया गया है।एमएससीआई ने कहा कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध खुलासे के अनुसार अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस को कुछ संस्थाओं की शेयरहोल्डिंग के संभावित गलत वर्गीकरण के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उसने कहा कि कंपनी के फ्री फ्लोट के बारे में अनिश्चितता के मद्देनजर वह नवंबर रिव्यू में इसे अपने इंडेक्स में शामिल नहीं कर रहा है। एमएससीआई ने कहा कि वह अडानी ग्रुप और फ्री फ्लोट से संबंधित प्रतिभूतियों पर लगातार नजर रख रहा है और उचित होने पर आगे भी सूचना जारी करेगा।
वेटेज में कमी
अडानी एनर्जी ने पिछले महीने की शुरुआत में एक्सचेंजों को बताया था कि उसे सेबी से एक कारण बताओ नोटिस मिला है। इसमें कंपनी पर कुछ संस्थाओं की शेयरहोल्डिंग को गलत तरीके से सार्वजनिक शेयरधारिता के रूप में वर्गीकृत करने का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा, MSCI ने ग्रुप की दो अन्य कंपनियों अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी पावर में फ्लोट को भी कम कर दिया है। अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में 3% की गिरावट आई है। नुवामा का अनुमान है कि वेटेज में कमी से पैसिव फंड्स से लगभग 173 मिलियन डॉलर की निकासी होगी।
इसी तरह, अडानी पावर के शेयरों में भी 1% से अधिक की गिरावट आई। नुवामा को इस काउंटर से लगभग 111 मिलियन डॉलर की निकासी की आशंका है। इस बीच, एमएससीआई ने एचडीएफसी बैंक का वेटेज बढ़ा दिया है। इससे इस स्टॉक में लगभग 1.9 अरब डॉलर की इन्फ्लो का अनुमान है। इससे पहले बुधवार को अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी आई थी और उसका मार्केट कैप 54,381 करोड़ रुपये बढ़ गया था।