इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 2,016 करोड़ रुपए का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट यानी शुद्ध मुनाफा हुआ है। सालाना आधार पर यह 3.79 गुना बढ़ा है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 420 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।
नतीजों के अलावा इंडियन ऑयल के बोर्ड ने शेयरधारकों को प्रति शेयर 3 रुपए के अंतरिम डिविडेंड (लाभांश) को भी मंजूरी भी दी है। कंपनियां अपने शेयरधारकों को मुनाफे का कुछ हिस्सा देती हैं, उसे डिविडेंड कहते हैं।
ऑपरेशनल रेवेन्यू की बात करें तो दूसरी तिमाही में यह 8,135 करोड़ रुपए रहा। सालाना आधार पर यह 7.7% घटा है। वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में कंपनी ने 8,816 करोड़ की कमाई की थी। हालांकि, कंपनी की टोटल इनकम 8,886 करोड़ रुपए रही।
क्या होता है स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड?
कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, कंसॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है।
नतीजों से पहले 4.81% चढ़ा इंडियन ऑयल का शेयर
नतीजों से पहले इंडियन ऑयल का शेयर आज 4.81% चढ़कर 495 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। कंपनी के शेयर ने पिछले 6 महीने में 17.22% और एक साल में 138.52% का रिटर्न दिया है। कंपनी का शेयर इस साल यानी 1 जनवरी 2024 से अब तक 96.04% चढ़ा है। कंपनी का मार्केट-कैप 80.56 हजार करोड़ रुपए है।
1964 में बनी थी इंडियन ऑयल, ये महारत्न कंपनी
इंडियन ऑयल महारत्न नेशनल ऑयल कंपनी है। इसका गठन 1964 में इंडियन ऑयल कंपनी लिमिटेड और इंडियन रिफाइनरीज लिमिटेड के विलय के साथ किया गया था। इंडियन ऑइल ग्रुप भारत की 23 रिफाइनरियों में से 11 की मालिक है। इंडियन ऑयल की श्रीलंका, मॉरीशस, UAE, स्वीडन, अमेरिका और नीदरलैंड में सब्सिडियरी कंपनियां भी है।