अब इलेक्ट्रिसिटी मीटर लगवाने और लोड बढ़वाने जैसी कुल 17 सर्विसेज पर GST नहीं लगेगा। केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक देश में पावर डिस्ट्रिब्यूशन से जुड़ी कंपनियां अब ऐसी सेवाओं पर 18 फीसदी GST नहीं वसूलेंगी। इलेक्ट्रिसिटी सर्विसेज पर GST छूट के तहत 17 सर्विसेज पर GST की वसूली नहीं होगी। CBIC ने हाल ही में इस पर क्लैरिफिकेशन जारी किया है। अब राज्यों की पॉवर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियां इन सेवाओं पर GST नहीं वसूलेंगी।
UP, कर्नाटक, तमिलनाडु में ये प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्यों की पावर डिस्कॉम ने ये निर्देश लागू करने शुरू कर दिए हैं। अब डिस्कनेक्शन,रिकनेक्शन और चेक बाउंस पर GST छूट मिलेगी। मीटर इंस्टालेशन,चेकिंग, टेस्टिंग भी GST के दायरे से बाहर रखे गए हैं। ये निर्देश 10 अक्टूबर को जारी किए गए थे। इस बाबत ज्यादातर राज्य सरकारों ने दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। Clarification के मुताबिक पावर डिस्कॉम सिर्फ डिपॉजिट वर्क पर हीं 18 फीसदी GST वसूल सकेंगी।
अभी तक बिजली काटने, जोड़ने के शुल्क पर,डिसऑनर्स चेक, ओटीएस रजिस्ट्रेशन,प्रोसेसिंग फीस, री इंस्पेक्शन चार्ज,चेकिंग ऑफ कैपेसिटर,सर्विस लाइन चार्ज और ओवरहेड चार्ज पर 18 फीसदी जीएसटी लिया जा रहा था। अब केवल डिपॉजिट वर्क पर ही 18 प्रतिशत जीएसटी लिया जाएगा। ये फैसला उपभोक्ताओं के हित में लिया गया है। इससे उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी।
विद्युत कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं पर लगने वाले मीटर चार्ज जीएसटी से उपभोक्ताओं को राहत दिया गया है जिसका सीधा असर अब नए कनेक्शन लेने वाले ग्राहकों को मिलेगा। विद्युत विभाग ने यह अनूठा प्रयोग विद्युत कनेक्शन के नाम में बदलाव और खराब मीटर को बदलकर जल्द सही किए जाने के लिए उठाया है। इसके अलावा अन्य कई कामों पर भी उपभोक्ताओं को जीएसटी हटने से सीधा लाभ मिलेगा जिससे अब उनके बिजली के बिल के कम होने की उम्मीद है।