इंडोनेशिया ने एप्पल iPhone 16 के बाद अब गूगल के पिक्सल फोन की बिक्री पर भी रोक लगा दी है। एशियाई देश का कहना है कि गूगल डॉमेस्टिक कंटेंट रिक्वायरमेंट्स को पूरा करने में विफल रही है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, उद्योग मंत्रालय के प्रवक्ता फेब्री हेंड्री एंटोनी एरीफ ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि इंडोनेशिया में गूगल पिक्सल फोन का ट्रेड अवैध है। फिर भले ही इस साल पर्सनल शिपमेंट या कैरी-ऑन आइटम्स के माध्यम से अनुमानित 22,000 यूनिट पहले ही देश में आ चुकी हैं।
इससे पहले इंडोनेशिया ने Apple Inc के अपने इनवेस्टमेंट कमिटमेंट्स को पूरा करने में नाकाम रहने के चलते iPhone 16 की देश में बिक्री पर रोक लगा दी थी। एरीफ ने कहा कि कंपनी ने प्रतिबंध पर चर्चा करने के लिए उद्योग मंत्री अगुस गुमीवांग कार्टासस्मिता के साथ मीटिंग की मांग करते हुए एक लेटर भेजा है, लेकिन कोई तारीख तय नहीं की गई है। लोकल कंटेंट रूल्स और संबंधित पॉलिसीज को इसलिए बनाया गया है ताकि इंडोनेशिया में निवेश करने वाले सभी निवेशकों के लिए निष्पक्षता रहे। इसके अलावा इनके पीछे मकसद देश में एडेड वैल्यू क्रिएट करना और इंडस्ट्री स्ट्रक्चर में गहराई लाना भी है।
बैन्ड फोन बेचा तो क्या लिया जाएगा एक्शन
सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर ऑनलाइन और फिजिकल शॉप्स को बैन्ड फोन बेचते हुए पकड़ा गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उनके IMEI आइडेंटिफाइंग नंबर डीएक्टिवेट कर दिए जाएंगे ताकि डिवाइसेज, लोकल टेलिकम्युनिकेशंस प्रोवाइडर्स के साथ रजिस्टर न हो सकें। हालांकि विदेश में खरीदे गए फोन के पर्सनल यूज की इजाजत है, बशर्ते मालिक ने देश में एंट्री पर इसका डिक्लेरेशन किया हो और फीस का पेमेंट किया हो।
इंडोनेशिया में स्मार्टफोन और टैबलेट मेकर्स को देश में उनके ऑपरेशंस के स्केल के बेसिस पर 40 प्रतिशत तक डॉमेस्टिक कंटेंट रिक्वायरमेंट को पूरा करना जरूरी है। कंपनियां इंडोनेशिया में अपनी डिवाइसेज की मैन्युफैक्चरिंग कर, फर्मवेयर विकसित कर या इनोवेशन में निवेश करके इसका अनुपालन कर सकती हैं।