Muhurat Trading 2024: भारतीय शेयर बाजार ने करीब आधा फीसदी की तेजी के साथ संवत 2081 में कदम रखा है। सभी सेक्टर सूचकांक हरे निशान में रहे। शुक्रवार को एक घंटे की मुहूर्त ट्रेडिंग के बाद सेंसेक्स 335 अंक या 0.42 फीसदी की बढ़त के साथ 79,724 पर बंद हुआ। इसी तरह निफ्टी 50 सूचकांक भी 99 अंक या करीब 0.41 फीसदी की तेजी के साथ 24,304 पर बंद हुआ।
आज निफ्टी मिडकैप100 और स्मॉलकैप100 ने अच्छा प्रदर्शन किया और इनमें क्रमश: 0.7 फीसदी और 1 फीसदी की बढ़त हुई। बीएसई में कुल 3,038 शेयरों में बढ़त और सिर्फ 539 में ही गिरावट देखी गई।
एक्सचेंजों ने शुक्रवार को हिंदू कैलेंडर वर्ष के मुताबिक नए साल यानी संवत 2081 में प्रवेश के अवसर पर एक घंटे की विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग का आयाेजन किया था। लगातार सातवीं बार शेयर बाजार मुर्हूत ट्रेडिंग के दिन बढ़त के साथ बंद हुआ है।
देसी शेयर बाजार आज सामान्य कारोबार के लिए बंद था, लेकिन वैश्विक बाजारों में मिलेजुले संकेत नजर आए। निवेशक ब्याज दरों के मामले में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के फैसले और अमेरिकी चुनावों का इंतजार कर रहे हैं। नौकरियों के निराशाजनक आंकड़ों के बाद ब्याज दर कटौती की उम्मीदें बढ़ गईं जिससे अमेरिकी बाजारों में करीब एक फीसदी की तेजी आई।
भारतीय शेयर बाजार भी उथल-पुथल के बीच संवत 2081 में प्रवेश कर रहे हैं। 26 सितंबर की अपनी सर्वकालिक ऊंचाई से सेंसेक्स और निफ्टी 7 फीसदी से ज्यादा टूट चुके हैं। निफ्टी मिडकैप100 और निफ्टी स्मॉकलैप100 अपनी रिकाॅर्ड ऊंचाई से क्रमश: 7.2 फीसदी और 3.9 फीसदी टूट चुके हैं।
संवत 2080 में जब दुनिया भर के बाजारों के मूल्यांकन में करीब 125 लाख करोड़ रुपये की बढ़त हुई है, तो भारतीय शेयर बाजार का मूल्यांकन अपनी ऊंचाई से करीब 30 लाख करोड़ रुपये कम हो गया है।
कुछ जानकारों का मानना है कि मौजूदा गिरावट का दौर उन निवेशकों के लिए बाजार में उतरने का अच्छा मौका है जो करीब एक साल से इंतजार में बैठे हैं। हालांकि बाजार के इस परिदृश्य में आगे बढ़ना उतना आसान भी नहीं हो सकता है क्योंकि मौजूदा वित्त वर्ष में कंपनियों की कमाई सुस्त होने, भू-राजनीतिक तनाव बने रहने और चीन के बाजारों के ज्यादा आकर्षक मूल्यांकन से विदेशी फंडों की लगातार बिकवाली जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं।
अक्टूबर महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई ने देसी शेयर बाजार से रिकॉर्ड 87,639 करोड़ रुपये की निकासी की है जिससे निफ्टी 6.22 फीसदी टूट गया है जो मार्च 2020 के बाद किसी एक महीने की सबसे बड़ी गिरावट है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, ‘संवत 2080 में निफ्टी ने करीब 25 फीसदी का रिटर्न दिया है इसलिए निवेशकों को तो खुश रहना चाहिए। पर अक्टूबर की गिरावट- जो 54 महीने में पहली बार किसी महीने में 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट है- ने बाजार की आगे की दिशा को लेकर चिंता बढ़ाई है। हाल की एफपीआई की बिकवाली गंभीर चिंता की बात है।
भारत के बढ़े हुए मूल्यांकन और कंपनियों की कमाई में बढ़त की रफ्तार सुस्त होने की चिंता की वजह से यह बिकवाली जारी रह सकती है जिससे सूचकांक प्रभावित होंगे। ऐसे परिदृश्य में निवेशकों को ऐसी चुनिंदा शेयरों और कंपनियों में निवेश पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिनमें अच्छी कमाई की संभावना दिख रही हो।’