Delhi Property Market: दिल्ली में कहीं भी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करा सकते हैं। अब जहां आप प्रॉपर्टी ले रहे हैं, सिर्फ वहीं के रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्ट्री कराने की पाबंदी हटा दी गई है। अब दिल्ली के किसी भी 22 रजिस्ट्रार ऑफिस में अपॉइंटमेंट लेकर प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कर सकते हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने दिल्ली के प्रॉपर्टी मालिकों और घर खरीदारों के लिए ‘एनीवेयर रजिस्ट्रेशन (Anywhere Registration) नाम की नई पॉलिसी को मंजूरी दी है। इस नई पहल से लोग अब अपनी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन (रजिस्ट्रेशन) दिल्ली के किसी भी उप-पंजीयक ऑफिस (Sub Registrar Office) में करा सकते हैं, चाहे उनकी प्रॉपर्टी किसी भी एरिया में हो। यह नई नीति रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए बनाई गई है, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी।
‘एनीवेयर रजिस्ट्रेशन’ की मुख्य बातें (Anywhere Registration Points)
स्थान की पाबंदी खत्म
पहले दिल्ली में प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लोगों को उसी एरिया के सब रजिस्ट्रार ऑफिस में जाना पड़ता था, जहां उनकी प्रॉपर्टी स्थित होती थी। इससे अक्सर असुविधा और समय की बर्बादी होती थी। अब इस नई नीति के तहत, दिल्ली के लोग अपनी पसंद के किसी भी 22 सब रजिस्ट्रार ऑफिस में अपनी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की सुविधा
इस नीति में ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुकिंग की सुविधा भी दी गई है, जिससे लोग अपने रजिस्ट्रेशन का समय पहले से तय कर सकते हैं। इससे समय की बचत होगी और ऑफिसों में भीड़ भी कम होगी, जिससे लंबी कतारों की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
इंतजार का समय और भ्रष्टाचार में कमी
मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि पुराने रजिस्ट्रेशन सिस्टम में लोगों को लंबे इंतजार का सामना करना पड़ता था, खासकर व्यस्त ऑफिसों में। नई नीति से इस देरी को कम करने की उम्मीद है, जिससे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया सरल और तेज हो जाएगी। इसके अलावा इस नई सुविधा के जरिए भ्रष्टाचार पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा, क्योंकि अब लोगों को रजिस्ट्रेशन के लिए बिचौलियों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
पारदर्शिता बढ़ेगी
इस नीति का एक मुख्य उद्देश्य रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है। ऑनलाइन अपॉइंटमेंट और पसंदीदा कार्यालय चुनने की सुविधा से लोग खुद ही अपनी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को नियंत्रित कर सकेंगे। इससे रजिस्ट्रेशन में ईमानदारी और पारदर्शिता बनी रहेगी और भ्रष्टाचार की संभावनाएं भी कम होंगी।