Company

L&T की अब 44 अरब डॉलर के अंतरिक्ष सेक्टर पर नजर, 2025 में लॉन्च करेगी पहला प्राइवेट PSLV

लार्सन एंड टुब्रो (L&T) अब एयरोस्पेस सेक्टर में बड़ा विस्तार करने की तैयारी में है। भारत सरकार ने हाल ही में एयरोस्पेस इंडस्ट्री को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोला है। ऐसे में L&T अब इस मौके को भुनाने की तैयारी कर रही है। L&T पहले ही रेवेन्यू के लिहाज से देश की सबसे बड़ी डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है। L&T ने अब अपने एयरोस्पेस डिवीजन को और मजबूत बनाने का फैसला किया है। उसका लक्ष्य तेजी से बढ़ती प्राइवेट स्पेस इंडस्ट्री में अपनी स्थिति को और मजबूत करना है।

L&T के प्रेसिशन इंजीनियरिंग और सिस्टम्स डिवीजन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, AT रामचंदानी ने कहा, “हम साफ देख रहे हैं कि स्पेस इंडस्ट्री में एक नई इकोनॉमी उभर रही है। यह ग्रोथ कितनी तेजी से होगा, इसकी भविष्यवाणी करना कठिन है, लेकिन हम ISRO के साथ अपने 50 सालों के संबंध का लाभ उठाते हुए लॉन्च व्हीकल्स के निर्माण में योगदान देंगे।”

देश की स्पेस इंडस्ट्री की अगुआई अभी तक सिर्फ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) कर रही थी, लेकिन अब सरकार ने प्राइवेट कंपनियों के लिए भी इस इंडस्ट्री के लिए दरवाजे खोल दिए हैं। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग और आदित्य-L1 मिशन की सफलता ने ऐसी कंपनियों के लिए नई संभावनाएं पैदा की हैं जिनके पास आधुनिक इंजीनियरिंग क्षमताएं हैं। हालांकि, L&T ने अपने विस्तार योजना से जुड़ी जानकारियों को सार्वजनिक नहीं किया है।

 

प्राइवेट फर्मों को अब लॉन्च सेवाओं को डिजाइन करने, बनाने और संचालित करने की इजाजत दी जा रही है। इससे &T जैसी जैसी कंपनियां कमर्शियल सैटेलाइट लॉन्च की बढ़ती मांग से लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस दशक के अंत तक भारत के कमर्शियल एयरोस्पेस मार्केट का साइज बढ़कर 44 अरब डॉलर का हो जाएगा। ऐसे में L&T इस मौके को भुनाने के लिए तैयार रहना चाहती है।

L&T लंबे समय से भारतीय मिसाइलों, मंगलमिशन और चंद्रयान, सैटलाइट्स और तोपखाने के लिए जरूरी कंपोनेंट्स के निर्माण में शामिल है। फिलहाल यह हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ मिलकर PSLV यानी पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल को बना रही है, जो सैटेलाइट लॉन्च का मुख्य आधार है।

इस परियोजना के तहत पहला प्राइवेट PSLV लॉन्च साल 2025 के शुरुआत में होगा और हर रॉकेट की लागत करीब 2 अरब रुपये होगी। इसके साथ ही, L&T भारत के छोटे सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) प्रोग्राम में भी रुचि दिखा रही है, जो छोटे पेलोड्स के लिए एक सस्ती लॉन्च सेवा प्रदान करेगा। SSLV की खासियत ये होगी कि इससे सालाना 12 लॉन्च किए जा सकेंगे।

AT रामचंदानी ने कहा “SSLV का पूरा उद्देश्य है कि एक साल में करीब 12 लॉन्च हो सकें। इसके अलावा, हम इसे हर 15 दिन में एक लॉन्च तक स्केल कर सकते हैं। इस लॉन्च की लागत लगभग $15,000 प्रति किलो होगी, जिससे यह किफायती विकल्प बन जाएगा।”

कंपनी की विस्तार योजना में कुल निवेश और आय के आंकड़े अभी सामने नहीं आए हैं। रामचंदानी ने कहा कि L&T की प्राथमिकता लागत को कम रखते हुए बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करना है। उनके अनुसार, कंपनी के पास पहले से ही आवश्यक निर्माण सुविधाएं और जमीन है। भविष्य के निवेश इस बात पर निर्भर करेंगे कि तकनीक कितनी तेजी से विकसित होती है और ग्राहकों का रुझान कितना मजबूत रहता है

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top