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आज से रुपये-पैसे से जुड़े कई नियम बदल रहे हैं, इन्हें ठीक तरह से समझ लें नहीं तो होगा नुकसान

आज यानी 1 नवंबर से पैसे-रुपये से जुड़े कुछ नियम लागू हो गए हैं। कुछ नियम 15 नवंबर से लागू होंगे। इनका आप पर भी असर पड़ेगा। इनमें सेबी, आरबीआई और बैंकों के क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियम शामिल हैं। सेबी के नियम का मकसद इनसाइडर ट्रेडिंग पर अंकुश लगाना है। आरबीआई ने एस्क्रो अकाउंट्स से जुड़े एनबीएफसी-पी2पी लेंडिंग के नियमों को सख्त कर दिया है। उधर आईसीआईसीआई बैंक ने क्रेडिट कार्ड्स के नियमों में बदलाव किए हैं। कुछ बैंकों ने अपने क्रेडिट कार्ड पर इंटरेस्ट रेट्स बढ़ाए हैं। मनीकंट्रोल आपको इन नए नियमों के बारे में विस्तार से बता रहा है।

म्यूचुअल फंडों पर भी लागू होंगे इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़े नियम

1 नवंबर से म्यूचुअल फंड की स्कीमें भी इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़े SEBI के नियमों के तहत आ गई हैं। सेबी ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के हित को ध्यान में रख यह नया नियम बनाया है। इसका मतलब है कि अब म्यूचुअल फंड हाउस के सीनियर अफसर म्यूचुअल फंड की अपनी यूनिट्स नहीं बेच सकेंगे अगर उनके पास फर्म या स्कीम से जुड़ी कोई गोपनीय जानकारी होगी। दरअसल, सेबी को कुछ ऐसे मामलों का पता चला था, जिसमें फंड मैनेजर्स के गलत फैसले की वजह से स्कीम की नेट एसेट वैल्यू (NAV) में तेज गिरावट आई थी। इससे स्कीम के निवेशकों को लॉस हुआ था। उधर, म्यूचुअल फंड्स के सीनियर अफसरों ने एनएवी घटने की आशंका को देखते हुए पहले ही अपनी यूनिट्स बेच दी थीं।

 

इनसाइडर ट्रेडिंग के नए नियम लागू होने के बाद अब म्यूचुअल फंड्स के सीनियर अफसर, बोर्ड मेंबर्स, स्पॉन्सर्स, ट्रस्टीज, ऑडिटर्स, लीगल एडवाइजर्स, बैंकर्स और कंसल्टेंट्स इसके दायरे में आ गए हैं। इन लोगों को कनेक्टेड पर्सन माना गया है। नए नियम से म्यूचुअल फंड्स की स्कीमों में इनसाइडर ट्रेडिंग पर रोक लगेगी। इससे निवेशकों के हितों की सुरक्षा होगी।

एनबीएफसी-पी2पी लेंडिंग के नियम हुए सख्त

RBI ने एनबीएफसी-पी2पी लेंडर्स के लिए नियम सख्त कर दिए हैं। पहले NBFC-P2P लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स को दो एस्क्रॉ अकाउंट्स रखने पड़ते थे। पहले अकाउंट में डिस्बर्सल से पहले लेंडर का पैसा होता था। दूसरे अकाउंट में ग्राहक से लोन कलेक्शन का पैसा होता था। फंड के ट्रांसफर के लिए कोई समयसीमा तय नहीं थी। अब एस्क्रॉ अकाउंट्स से जुड़े नियम सख्त हो गए हैं। अब इन अकाउंट्स के पैसे को एक दिन के अंदर ट्रांसफर करना होगा। इसका मतलब है कि एस्क्रॉ अकाउंट्स के लिए T+1 का नियम लागू हो गया है। T का मतलब अकाउंट में पैसा आने की तारीख से है।

पेंशनर्स को 30 नवंबर तक सब्मिट करना होगा लाइफ सर्टिफिकेट

पेंशनर्स को नवंबर के अंत तक लाइफ सर्टिफिकेट सब्मिट करना जरूरी है। इसे जीवन प्रमाण पोर्टल के जरिए ऑनलाइन भी सब्मिट किया जा सकता है। अगर इसे नवंबर के अंत तक सब्मिट नहीं किया जाता है तो पेंशनर्स के अकाउंट में पेंशन का पैसा नहीं आएगा। लाइफ सर्टिफिकेट इस बात का सबूत है कि पेंशनर अभी जीवित है। पेंशनर्स को यह सर्टिफिकेट यह महीना खत्म होने से पहले सब्मिट कर देना चाहिए।

आईसीआईसीआई बैंक के क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल महंगा होगा

ICICI Bank ने अपने क्रेडिट कार्ड्स के नियम और शर्तों में बदलाव किया है। नए नियम 15 नवंबर से लागू हो जाएंगे। इनमें एयरपोर्ट लॉउन्ज एक्सेस के लिए स्पेंडिंग लिमिट को हर तिमाही 35,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है। यूटिलिटी, ग्रॉसरी और इंश्योरेंस से जुड़े ट्रांजेक्शन पर रिवॉर्ड की लिमिट तय कर दी गई है। बैंक ने फ्यूल सरचार्ज माफ कर देने की अपनी पॉलिसी भी बदल दी है। अब हर महीने 50,000 रुपये तक के ट्रांजेक्शन पर ही फ्यूल सरचार्ज माफ करेगा।

एचएसबीसी और एसबीआई कार्ड ने भी बदले नियम

एचएसबीसी ने प्लैटिनम क्रेडिट कार्ड के ग्राहकों के लिए मंथली इंटरेस्ट रेट 3.49 फीसदी से बढ़ाकर 3.75 फीसदी कर दिया है। यह नियम 1 नवंबर से लागू हो गया है। SBI Cards ने अनसेक्योर्ड क्रेडिट कार्ड्स पर फाइनेंस चार्ज को 3.50 फीसदी से बढ़ाकर 3.75 फीसदी कर दिया है। नए नियम के दायरे में शौर्य और डिफेंस एसबीआई कार्ड नहीं आएंगे।

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