मुंबई: शेयर मार्केट में मल्टीबैगर रिटर्न देने वाले स्टॉक की कई कहानियां हैं। लेकिन, ऐसा देखने को नहीं मिला है कि ओवरनाइट किसी स्टॉक में इतना बड़ा रिटर्न मिला हो। करीब 3.53 रुपये के शेयर प्राइस वाली Elcid Investments कंपनी का स्टॉक एक ही दिन में 2.36 लाख रुपये से ऊपर पहुंच गया। इसके शेयर में 29 अक्टूबर को 3.53 रुपये से 66,92,535% की जबरदस्त उछाल देखी गई। इसी के साथ इसने MRF को पछाड़ते हुए देश के सबसे महंगे स्टॉक का दर्जा भी हासिल कर लिया है।
क्यों हुआ ऐसा
हालांकि, एल्सिड का मामला निवेशक के क्रेजी होने के बारे में नहीं है, बल्कि सोमवार को स्टॉक एक्सचेंज BSE और NSE द्वारा आयोजित निवेश होल्डिंग कंपनियों में प्राइस खोज के लिए एक विशेष कॉल नीलामी का परिणाम है। शेयर में यह अविश्वसनीय कीमत बढ़ोतरी एक विशेष कॉल नीलामी सत्र के बाद हुई। 2011 से केवल 3 रुपये प्रति शेयर की कीमत होने के बावजूद एल्सिड का बुक वैल्यू 5,85,225 रुपये पर रहा।
2011 से ट्रेड नहीं
इकोनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक सैमको सिक्योरिटीज ने कहा कि इस भारी छूट के कारण मौजूदा शेयरधारक बेचने के लिए अनिच्छुक हैं, क्योंकि 2011 से कोई भी ट्रेड नहीं हुआ है। होल्डिंग कंपनियों के मौजूदा मार्केट वैल्यू और बुक वैल्यू के बीच के अंतर को कम करने के लिए सेबी ने शेयर बाजारों से कहा था कि वे बुक वैल्यू की तुलना में भारी छूट वाली होल्डिंग कंपनियों के लिए एक स्पेशल नीलामी सत्र आयोजित करें। स्पेशल सत्र में स्टॉक में उचित मूल्य की खोज हुई, जिसके परिणामस्वरूप 66,92,535% की वृद्धि हुई, जो अब तक का सबसे अधिक एक दिन का लाभ है।
एशियन पेंट्स में हिस्सेदारी
एशियन पेंट्स में एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स की 1.28% हिस्सेदारी है, जिसकी हिस्सेदारी का मूल्य 3,616 करोड़ रुपये है, जो एल्सिड के कुल मार्केट कैप का 80% है। सैमको ने कहा कि 2.3 लाख रुपये प्रति शेयर पर भी, एल्सिड केवल 0.38 के प्राइस-टू-बुक मल्टीपल पर कारोबार कर रहा है। केवल 4,725 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ, एल्सिड अब भारत का सबसे महंगा स्टॉक (2.36 लाख रुपये प्रति शेयर) है।
एमआरएफ का टूटा रेकार्ड
शेयर बाजारों में अब तक MRF भारत का एकमात्र स्टॉक था जिसकी प्रति शेयर कीमत 1 लाख रुपये से अधिक है। लेकिन अब एल्सिड ने इसे ध्वस्त कर दिया।