इनवेस्टमेंट में रिस्क नहीं लेने वाले लोगों के लिए किसान विकास पत्र (केवीपी) अच्छा विकल्प है। यह स्कीम सरकार की है, जिससे इसमें निवेश करना पूरी तरह सुरक्षित है। इसमें करीब 124 महीनों में निवेश का पैसा दोगुना हो जाता है। कई लोग ऐसे निवेश माध्यम में पैसे लगाना पसंद करते हैं, जिसका संबंध स्टॉक मार्केट से नहीं हो। ऐसे लोग केवीपी में निवेश कर सकते हैं।
पोस्ट ऑफिस और कुछ बैंकों की ब्रांच में उपलब्ध
केवीपी (KVP) की शुरुआत दरअसल किसानों के लिए हुई थी। लेकिन, इसे सभी लोगों के लिए ओपन कर दिया गया। यह फिक्स्ड रेट सेविंग्स स्कीम है। इसका मतलब है कि इसके रिटर्न का अंदाजा पहले से निवेशक को रहता है। केवीपी में पोस्ट ऑफिस और कुछ बैंकों की ब्रांच में निवेश किया जा सकता है। इस स्कीम का मकसद लोगों के सेविंग्स के पैसे का इस्तेमाल करना और उस पर उन्हें अट्रैक्टिव रिटर्न देना है।
न्यूनतम 1000 रुपये से किया जा सकता है निवेश
कोई व्यक्ति जिसकी उम्र 18 साल या इससे ज्यादा है वह केवीपी में निवेश कर सकता है। सिर्फ रेजिडेंट इंडियंस केवीपी में निवेश कर सकते हैं। NRI को इसमें निवेश करने की इजाजत नहीं है। इसमें न्यूनतम 1,000 रुपये से निवेश किया जा सकता है। ज्यादा निवेश करने वाले लोगों के लिए कई ऊपरी सीमा तय नहीं है। अगर कोई व्यक्ति 50,000 रुपये से ज्यादा निवेश करना चाहता है तो पैन कार्ड जरूरी होगा। आधार KYC प्रोसेस के लिए जरूरी होगा।
30 महीने का लॉक-इन पीरियड
केवीसी का लॉक-इन पीरियड 30 महीने है। इसके बाद जरूरत पड़ने पर इसमें से पैसे निकाले जा सकते हैं। इस स्कीम में नॉमिनेशन की इजाजत है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवेस्टर्स को नॉमिनेशन जरूर करना चाहिए। इससे इनवेस्टर के निधन की स्थिति में पैसे नॉमिनी को मिल जाता है। केवीबी सर्टिफिकेट गिरवी रखने पर बैंक लोन देते हैं। सरकार केवीपी के इंटरेस्ट की समीक्षा समय-समय पर करती है। अभी इसका इंटरेस्ट रेट करीब 7.5 फीसदी है।
इंटरेस्ट इनकम पर लगता है टैक्स
केवीपी पर इंटरेस्ट से हुई इनकम पर टैक्स लगता है। इसे दूसरे स्रोत से आय के तहत इनवेस्टर्स की इनकम में जोड़ दिया जाता है। फिर इनवेस्टर के टैक्स स्लैब के हिसाब से इस पर टैक्स लगता है। इसमें निवेश पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80 के तहत डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता है। मैच्योरिटी अमाउंट पर टीडीएस लागू नहीं होता है।