एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) से आए पैसे का निवेश 30 दिन के अंदर करना होगा। सेबी ने यह प्रस्ताव पेश किया है। इस बारे में मार्केट रेगुलेटर ने एक कंसल्टेशन पेपर पेश किया है। इस प्रस्ताव पर सेबी ने लोगों की राय मांगी है। मार्केट रेगुलेटर का मानना है कि एएमसी को एलॉटमेंट की तारीख से 30 दिन के अंदर इस पैसे का निवेश कर देना चाहिए। अगर एएमसी को पैसे का निवेश करने में किसी तरह की दिक्कत आती है तो उसे इस बारे में बताना होगा। उसे इस बारे में इनवेस्टमेंट कमेटी को रिपोर्ट भेजनी होगी। कमेटी फंड के इस्तेमाल के लिए अतिरिक्त 30 दिन का समय दे सकती है।
सेबी के प्रस्ताव का मकसद क्या है?
सेबी (SEBI) का मकसद फंड के इस्तेमाल में होने वाली देर को रोकना है। सेबी ने पाया है कि कई एएमसी एनएफओ के पैसे को निवेश करने में देर करती हैं। कई बार मार्केट में उतारचढ़ाव और फंड के साइज की वजह से इसमें देर होती है। अभी इसके नियम तो हैं कि कोई NFO कितने दिन तक ओपन रह सकता है, लेकिन इस बारे में कोई नियम नहीं है कि एनएफसी से मिले पैसे को कितने दिन के अंदर इनवेस्ट करना होगा।
कुछ एएमसी फंड निवेश करने में देर करते हैं
अभी अगर किसी एएमसी को एनएफओ लॉन्च करने का एप्रूवल मिल जाता है तो उसे एप्रूवल की तारीख से 6 महीने के अंदर स्कीम लॉन्च करनी होती है। पिछले तीन फाइनेंशियल ईयर्स के डेटा की जांच के बाद यह पता चला है कि कुछ एएमसी ने एनएफओ के पैसे को निवेश करने में 90 दिन से ज्यादा समय लगाया। कुल 647 एनएफओ में से 603 एनएफओ ने 30 दिन या उससे कम समय में पैसे का निवेश कर दिया था।
यह भी पढ़ें: Kisan Vikas Patra: रिस्क-फ्री इनवेस्टमेंट के लिए KVP है शानदार ऑप्शन, जानिए इसमें निवेश के क्या हैं फायदे
20 नवंबर तक भेजी जा सकती है राय
सेबी ने जो प्रस्ताव पेश किया है, उसमें कहा गया है कि एएमसी को एलॉटमेंट की तारीख से 30 दिन के अंदर पैसे का निवेश करना होगा। अगर कोई एएमसी इस डेडलाइन का पालन करने में नाकाम रहती है तो उस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। इनमें नई स्कीम लॉन्च करने पर प्रतिबंध भी शामिल है। मार्केट रेगुलेटर का यह प्रस्ताव इंडेक्स फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड को छोड़ दूसरे सभी फंडों पर लागू होगा। सेबी के इस प्रस्ताव पर 20 नवंबर तक राय भेजी जा सकती है।