शेयर बाजार में 30 अक्टूबर को मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों की परफॉर्मेंस बेहतर नजर आ रही है। कुछ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में निवेशकों की जबरदस्त दिलचस्पी देखने को मिल रही है। हाई वैल्यूएशन और निराशाजनक तिमाही नतीजों की वजह से शेयर बाजार में इस महीने जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। ब्रोकरेज फर्म वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज में डायरेक्टर, इक्विटी स्ट्रैटेजी क्रांति बथिनी ने बताया, ‘पिछले कुछ हफ्तों में मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट में जबरदस्त बिकवाली के बाद इसकी बेहतर परफॉर्मेंस देखने को मिल रही है। गिरावट के इस दौर में शेयरों में औसतन 20-30 पर्सेंट की गिरावट है, जबकि निफ्टी अपने पीक से 7 पर्सेंट लुढ़क चुका है।’
कुछ मार्केट एक्सपर्ट्स शेयर बाजार की वैल्यूएशन को ज्यादा बता रहे हैं। उनका मानना है कि पिछले एक साल में आई जबरदस्त तेजी इसकी प्रमुख वजह है। इस दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में 46 पर्सेंट की बढ़त रही है, जबकि इसी अवधि में निफ्टी 50 में 28 पर्सेंट की तेजी देखने को मिली। एक्सपर्ट्स अब उतार-चढ़ाव वाले इस दौर में स्टॉक आधारित रणनीति अपनाने की सलाह दे रहे हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने बताया, ‘निवेशकों को सही वैल्यूएशन वाले लार्जकैप शेयरों पर फोकस करना चाहिए, जहां अर्निंग की संभावना बेहतर है। ज्यादातर ब्रोकरेज फर्में अर्निंग अनुमानों में कटौती कर रही है, क्योंकि शेयर बाजार में वैल्यूएशन को लेकर स्थिति ठीक नहीं है।’
इन सब फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए निवेशक बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। दिवाली से ठीक पहले बैंक और फार्मा शेयरों में सुस्ती है। निफ्टी बैंक इंडेक्स में भी प्रॉफिट बुकिंग तेज है। HDFC बैंक, ICICI बैंक और SBI के शेयरों में गिरावट का असर सूचकांक पर भी देखने को मिल रहा है। निफ्टी फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर की बात करें, तो डॉ. रेड्डीज लैब, सिप्ला और सन फार्मा के शेयरों में गिरावट तेज थी।