भारती एयरटेल के दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद के मुताबिक रहे। कंपनी के इंडियन बिजनेस का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (एआरपीयू) काफी बढ़ा है। कंपनी को टैरिफ बढ़ाने का फायदा मिला है। लेकिन, कंपनी के अफ्रीकी बिजनेस पर दबाव दिखा। सितंबर तिमाही में कंपनी का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू साल दर साल आधार पर 12 फीसदी बढ़कर 41,473 करोड़ रुपये रहा। इस ग्रोथ में इंडियन बिजनेस का बड़ा हाथ रहा।
भारती एयरटेल के इंडियन बिजनेस की रेवेन्यू ग्रोथ दूसरी तिमाही में साल दर साल आधार पर 16.6 फीसदी रही। इसमें एआरपीयू में 14.8 फीसदी ग्रोथ का बड़ा हाथ रहा। कंपनी का एआरपीयू दूसरी तिमाही में 233 रुपये पहुंच गया। हालांकि, अफ्रीकी बिजनेस का प्रदर्शन खराब रहा। इस बिजनेस के रेवेन्यू में 1.1 फीसदी की कमी आई। कंपनी के EBITDA में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले थोड़ा इजाफा दिखा। तिमाही दर तिमाही आधार पर एबिड्टा 149.5 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ा।
सितंबर तिमाही में भारती एयरटेल ने 42 लाख नए ग्राहक बनाए। कंपनी के कुल ग्राहकों में 4जी/5जी डेटा कस्टमर्स की हिस्सेदारी बढ़कर 77.1 फीसदी हो गई है। यह एक साल पहले की समान अवधि में 71.8 फीसदी थी। कंपनी लगातार अपना नेटवर्क कवरेज बढ़ा रही है। इससे ग्राहकों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी। दूसरी तिमाही में कंपनि ने करीब 5,000 नए टावर और 15,200 ब्रॉडबैंड स्टेशंस लगाए हैं। इससे नेटवर्क को काफी मजबूती मिलेगी।
भारती एयरटेल ने एरपीयू बढ़ाने के लिए कुछ स्ट्रेटेजी अपनाई है। पहला, यह लगातार टैरिफ बढ़ा रही है। दूसरा, यह कुल कस्टमर बेस में हाई वैल्यू 4जी/5जी ग्राहकों की हिस्सेदारी बढ़ा रही है। साथ ही यह पोस्टपेड ग्राहकों की हिस्सेदारी बढ़ाने पर भी फोकस कर रही है। इससे कंपनी को लंबी अवधि में 250 रुपये से ज्यादा एआरपीयू का टारगेट हासिल करने में मदद मिलेगी।
कंपनी के नए ग्राहक बनाने की रफ्तार आगे थोड़ी सुस्त पड़ सकती है। ग्रामीण इलाकों में इनकम ग्रोथ में सुस्ती को देखते हुए कंपनी के लिए टैरिफ बढ़ाना आसान नहीं होगा। भारती एयरटेल स्टॉक्स की वैल्यूएशन फेयर वैल्यू से ज्यादा हो गई है। ऐसे में अगर आप इस स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं तो आपको गिरावट के मौके का इंतजार करना चाहिए।