India’s Most Expensive Stocks: अभी तक देश का सबसे महंगा स्टॉक टायर कंपनी एमआरएफ (MRF) का था लेकिन अब यह खिताब एल्सिड इंवेस्टमेंट्स के नाम पर है। दोनों शेयरों के बीच फर्क भी मामूली नहीं है बल्कि लगभग दोगुने का है। एमआरएफ के शेयर अभी 1.22 लाख रुपये के करीब भाव पर हैं जबकि एल्सिड के शेयरों ने 29 अक्टूबर को 2.25 लाख रुपये का लेवल छूकर सबसे महंगे शेयर होने का खिताब अपने नाम कर लिया। फिलहाल एल्सिड इंवेस्टमेंट्स के शेयर BSE पर 2,36,250.00 रुपये (Elcid Investments Share Price) पर हैं। इसने महज एक साल में निवेशकों के पैसों को 7010285 फीसदी बढ़ा दिया है और 1 लाख रुपये का निवेश 701 करोड़ रुपये की पूंजी बन गई।
Elcid Investments में क्यों आई इतनी ताबड़तोड़ तेजी?
एल्सिड इंवेस्टमेंट्स के निवेशक रातों रात लखपति यानी महज 3 रुपये के निवेश पर ही लखपति बने तो इसकी वजह होल्डिंग कंपनियों के प्राइस डिस्कवरी यानी सही प्राइस निकालने के लिए बीएसई ऑक्शन है। बीएसई ने होल्डिंग कंपनियों की प्राइस डिस्कवरी के लिए 28 अक्टूबर को ऑक्शन शुरू किया था। इसी के चलते एक ही दिन में एल्सिड इंवेस्टमेंट्स के 3 रुपये के शेयर 2.25 लाख रुपये पर पहुंच गए और इतिहास रच दिया।
प्राइस डिस्कवरी की क्यों पड़ी जरूरत?
जून 2024 में सेबी ने एक सर्कुलर जारी किया जिसमें इंवेस्टमेंट कंपनियों (ICs) और इंवेस्टमेंट होल्डिंग कंपनियों (IHCs) की प्राइस डिस्कवरी को सुधारने के लिए नए तरीके का प्रस्ताव पेश किया। सेबी ने पाया कि कई इंवेस्टमेंट कंपनियों और इंवेस्टमेंट होल्डिंग कंपनियों के शेयर उनके बुक वैल्यू से बहुत ही नीचे ट्रेड हो रहे हैं। ऐसे में लिक्विडिटी सुधारने में मदद करने के लिए, फेयर प्राइस डिस्कवरी के लिए और ऐसी कंपनियों के शेयरों में निवेशकों की ओवरऑल दिलचस्पी के लिए सेबी ने बिना प्राइस बैंड के स्पेशल कॉल ऑक्शन का फ्रेमवर्क पेश किया। आमतौर पर स्टॉक्स में 2 फीसदी, 5 फीसदी, 15 फीसदी या 20 फीसदी का सर्किट लिमिट रहता है यानी कि एक दिन में शेयर इतना ही ऊपर चढ़ सकते हैं लेकिन स्पेशल कॉल ऑक्शन के तहत कोई लिमिट नहीं रखी गई। दिलचस्प बात ये है कि एल्सिड के शेयर अभी भी बुक वैल्यू से काफी नीचे हैं।
कैसी है एल्सिड इंवेस्टमेंट की कारोबारी सेहत
एल्सिड इंवेस्टमेंट आरबीआई के पास इंवेस्टमेंट कंपनी कैटेगरी में रजिस्टर्ड एनबीएफसी है। अभी इसका कोई बिजनेस नहीं है लेकिन इसने एशियन पैंट्स जैसी कई बड़ी कंपनियों में भारी-भरकम निवेश किए हैं। इसकी कमाई का मुख्य स्रोत डिविडेंड है। इसने 11000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश किए हैं। जून तिमाही में इसका नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 39.57 फीसदी उछलकर 135.95 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।