मुंबई4 मिनट पहले
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ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) 5 नवंबर को ओपन होगा। निवेशक इस इश्यू के लिए 8 नवंबर तक बोली लगा सकेंगे। कंपनी के शेयर 13 नवंबर को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे।
इस इश्यू के जरिए कंपनी 11,327.43 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी 4,499 करोड़ रुपए के 11,53,58,974 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। जबकि, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए 6,828.43 करोड़ रुपए के 17,50,87,863 शेयर बेच रहे हैं।
अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं।
मिनिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?
स्विगी ने इस इश्यू का प्राइस बैंड 371 रुपए से 390 रुपए प्रति शेयर तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 38 शेयर्स के लिए बोली लगा सकते हैं।
यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड 390 रुपए के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए 14,820 रुपए लगाने होंगे।
इश्यू का 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व
कंपनी ने इश्यू से 7.5 लाख शेयर अपने एंप्लॉइज के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा, इश्यू का 75% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है।
वित्त वर्ष 2024 में स्विगी का रेवेन्यू 36% बढ़ा
वित्त वर्ष 2024 में स्विगी का रेवेन्यू 36% बढ़कर 11,247 करोड़ रुपए रहा, जो इसके पिछले वित्त वर्ष में 8,265 करोड़ रुपए था। वहीं कंपनी ने इस दौरान अपने घाटे को भी 44% तक कम कर लिया और वित्त वर्ष 2024 में यह 2,350 करोड़ रुपए रहा, जो इसके पिछले साल 4,179 करोड़ रुपए था। कंपनी को अपनी लागत को काबू में रखने के चलते घाटा कम करने में मदद मिली है।
हालांकि, स्विगी का प्रदर्शन जोमैटो की तुलना में कम है, फिर भी उसने FY24 में अपने प्रतिद्वंद्वी से अंतर को कम किया है। जोमैटो ने वित्त वर्ष 2024 में 12,114 करोड़ रुपए का रेवेन्यू दर्ज किया, जबकि स्विगी का रेवेन्यू 11,247 करोड़ रुपए रहा। इसी तरह, जोमैटो ने 351 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया, जबकि स्विगी का घाटा 2,350 करोड़ रुपए रहा था।
IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।