मुंबई2 मिनट पहले
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ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) 6 नवंबर को ओपन हो सकता है। निवेशक इस इश्यू के लिए 8 नवंबर तक बोली लगा सकेंगे।
कंपनी ने इसके लिए 371 रुपए से 390 रुपए प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है।
स्विगी इस इश्यू के जरिए 1.35 बिलियन डॉलर (करीब 11,700 करोड़ रुपए) जुटाने का प्लान कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी इसके लिए 4,500 करोड़ रुपए के फ्रेश शेयर इश्यू करेगी।
जबकि बाकी के 6,800 करोड़ रुपए के शेयर मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बेचेंगे।
रविवार को कंपनी ने IPO के लिए नई वैल्यूएशन 11.3 बिलियन डॉलर (95 हजार करोड़ रुपए) तय की, जो पिछले वैल्यूएशन से करीब 25% कम है।
ब्लैकरॉक और CPPIB 11,774 करोड़ रुपए निवेश करेंगे
ब्लैकरॉक और कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (CPPIB) इस IPO में 1.4 बिलियन डॉलर (11,774 करोड़ रुपए) निवेश करेंगे। यह इस साल देश की दूसरी सबसे बड़ी स्टॉक ऑफरिंग होगी।
भारतीय शेयरों में लगातार चार सप्ताह से गिरावट जारी है, जो अगस्त 2023 के बाद से सबसे लंबी गिरावट है। लगातार विदेशी बिकवाली के कारण निफ्टी-50 इंडेक्स 27 सितंबर के रिकॉर्ड उच्च स्तर से 8% से ज्यादा नीचे है।
वित्त वर्ष 2024 में स्विगी का रेवेन्यू 36% बढ़ा
इस बीच स्विगी की फाइनेंशियल कंडीशन में भी सुधार हुआ है। वित्त वर्ष 2024 में स्विगी का रेवेन्यू 36% बढ़कर 11,247 करोड़ रुपए रहा, जो इसके पिछले वित्त वर्ष में 8,265 करोड़ रुपए था।
वहीं कंपनी ने इस दौरान अपने घाटे को भी 44% तक कम कर लिया और वित्त वर्ष 2024 में यह 2,350 करोड़ रुपए रहा, जो इसके पिछले साल 4,179 करोड़ रुपए था। कंपनी को अपनी लागत को काबू में रखने के चलते घाटा कम करने में मदद मिली है।
हालांकि, स्विगी का प्रदर्शन जोमैटो की तुलना में कम है, फिर भी उसने FY24 में अपने प्रतिद्वंद्वी से अंतर को कम किया है। जोमैटो ने वित्त वर्ष 2024 में 12,114 करोड़ रुपए का रेवेन्यू दर्ज किया, जबकि स्विगी का रेवेन्यू 11,247 करोड़ रुपए रहा। इसी तरह, जोमैटो ने 351 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया, जबकि स्विगी का घाटा 2,350 करोड़ रुपए रहा था।