Foreign Portfolio Investors: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का सिलसिला जारी है। इस महीने एफपीआई ने अबतक भारतीय बाजार से 85,790 करोड़ रुपये या 10.2 अरब डॉलर की निकासी की है। चीन के प्रोत्साहन उपायों, वहां शेयरों के आकर्षक वैल्यूएशन और घरेलू शेयरों के हाई वैल्यूएशन की वजह से FPI भारतीय बाजार में लगातार बिकवाली कर रहे हैं। विदेशी फंड की निकासी के मामले में अक्टूबर का महीना सबसे खराब साबित हो रहा है। इसके पहले मार्च 2020 में, एफपीआई ने शेयरों से 61,973 करोड़ रुपये निकाले थे।
क्या है एक्सपर्ट्स की राय
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर, मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि भविष्य में एफपीआई का भारतीय बाजार में निवेश जियो-पॉलिटिकल स्थिति और ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव जैसे ग्लोबल इवेंट्स पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति का रुख, कंपनियों के तिमाही नतीजे और त्योहारी सत्र की मांग पर FPI की निगाह रहेगी।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई की लगातार बिकवाली के रुख में तत्काल बदलाव आने की संभावना नहीं है। चीन के प्रोत्साहन उपायों की वजह से एफपीआई वहां के बाजार का रुख कर रहे हैं। इसके अलावा भारत में वैल्यूएशन हाई होने की वजह से भी एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं।”
आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने इस अवधि के दौरान बॉन्ड से सामान्य सीमा के माध्यम से 5008 करोड़ रुपये निकाले हैं और वॉलंटरी रिटेंशन रूट (VRR) से 410 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस साल अबतक एफपीआई ने शेयरों में 14,820 करोड़ रुपये और ऋण या बॉन्ड बाजार में 1.05 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।
सितंबर में FPI ने किया था 57,724 करोड़ का निवेश
इससे पहले सितंबर में FPI ने भारतीय शेयर बाजार में 57,724 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो पिछले नौ महीने में सबसे अधिक है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार जून से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक लगातार निवेशक बने हुए थे। अप्रैल-मई में उन्होंने जरूर 34,252 करोड़ रुपये की निकासी की थी। एफपीआई ने एक से 25 अक्टूबर के बीच भारतीय शेयर बाजार से शुद्ध रूप से 85,790 करोड़ रुपये निकाले हैं। एफपीआई की लगातार बिकवाली ने मार्केट सेंटीमेंट को प्रभावित किया है, जिससे NSE का निफ्टी अपने हाई से आठ फीसदी नीचे आ गया है।