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शेयर बाजार में इस हफ्ते गिरावट का अनुमान: कंपनियों के तिमाही नतीजों से लेकर FII-DII फ्लो तक; 5 फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल

 

मुंबईकुछ ही क्षण पहले

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28 अक्टूबर से शुरू होने वाले दिवाली वीक में शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है। कंपनियों के तिमाही नतीजे, जियोपॉलिटिकल टेंशन सहित ग्लोबल और डोमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा बाजार की चाल तय करेंगे।

 

बीते हफ्ते सेंसेक्स 2.24% की गिरावट के साथ 80,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 79,402 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 2.7% या 673 अंक गिरकर 24,181 पर पहुंच गया। 27 सितंबर के रिकॉर्ड हाई से ये 8% नीचे आ चुका है।

निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 5.75% और स्मॉलकैप 100 में 6.5% की गिरावट रही। बैंक, एफएमसीजी, ऑटो, फार्मा, मेटल, तेल और गैस और रियल्टी शेयरों में हफ्ते के दौरान 2.5-7% की रेंज में गिरावट आई।

1. कंपनियों के तिमाही नतीजे: अडाणी, मारुति रिजल्ट जारी करेगी

इस हफ्ते लगभग 400 कंपनियां जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे जारी करेंगी, जिनमें भारती एयरटेल, सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज, अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, सिप्ला, मारुति सुजुकी और लार्सन एंड टुब्रो जैसी कंपनियां शामिल हैं। इनके अलावा नॉन निफ्टी 50 कंपनी अडाणी पावर, अंबुजा सीमेंट के भी नतीजे जारी होंगे।

2. भारतीय और विदेशी निवेशक: FIIs ने ₹20,000 करोड़ के शेयर बेचे

बीते हफ्ते फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs) ने कैश सेगमेंट में 20,000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के शेयरों की नेट सेलिंग की। इससे अक्टूबर में टोटल नेट सेलिंग 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गई, जो अब तक का हाइएस्ट मंथली आउटफ्लो है।

हालांकि, उसी हफ्ते में, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DIIs) ने 22,915 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की जिससे अक्टूबर में यह 97,091 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। भारतीय रुपया लगातार चौथे हफ्ते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 84 के स्तर पर बरकरार रहा।

3. ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा: अमेरिका की बेरोजगारी दर

जुलाई-सितंबर पीरियड की GDP ग्रोथ, PCE प्राइसेस और रियल कंज्यूमर स्पेंडिंग का डेटा आएगा। अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने इस साल अप्रैल-जून अवधि में 3% की ग्रोथ दर्ज की थी। इसके अलावा, मासिक बेरोजगारी दर का भी डेटा आएगा। सितंबर में ये 4.1% थी।

ये सभी डेटा 8 नवंबर को होने वाले फेडरल ओपन मार्केट कमेटी के ब्याज दर निर्णय से पहले महत्वपूर्ण हैं। पिछली बैठक में, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 50 बीपीएस की कटौती की थी।

4. डोमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा: विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े

1 नवंबर को अक्टूबर के लिए मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई का फाइनल डेटा रिलीज होगा। महीने के दौरान प्रारंभिक अनुमानों से संकेत मिलता है कि HSBC इंडिया मैन्युफैक्चरिंग PMI सितंबर में 56.5 से बढ़कर अक्टूबर के लिए 57.4 हो गई है।

इसके अलावा 30 अक्टूबर को आने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट और 31 अक्टूबर को आने वाले राजकोषीय घाटे के आंकड़ों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। 25 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का डेटा 1 नवंबर को जारी होगा।

5. जियो पॉलिटिकल टेंशन: इजराइल का ईरान पर अटैक

इजराइल ने ईरान के हमलों के जवाब में 25 दिन बाद शनिवार तड़के पलटवार किया। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक 3 घंटे में 20 ठिकानों पर हमले किए गए। इनमें मिसाइल फैक्ट्री और सैन्य अड्डे शामिल हैं। तेहरान के ‘इमाम खुमैनी इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ के पास भी हमला हुआ है। हमले स्थानीय समयानुसार देर रात 2:15 बजे शुरू हुए और तड़के 5 बजे तक जारी रहे।

ईरान पर हुए इन हमलों का असर तेल की कीमतों पर दिख सकता है। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें आम तौर पर परिवहन खर्च बढ़ाती हैं, और संभावित रूप से कॉर्पोरेट आय को कमजोर करती हैं। इसका निगेटिव असर शेयर बाजार पर दिख सकता है। बीते हफ्ते ब्रेंट क्रूड की कीमत 4% बढ़कर 76.05 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई। उससे एक हफ्ते पहले कीमतें 7.6% गिरी थी।

 

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