Markets

Suzlon Energy को लेकर बड़ी खबर, दुनिया की टॉप-10 टर्बाइन कंपनियों में हुई शामिल, 3 साल में 1,000% बढ़ा शेयर

Suzlon Energy Shares: सुजलॉन एनर्जी ने पिछले कुछ सालों में जिस तरह से वापसी की है, वैसा कॉरपोरेट जगत में बहुत कम ही देखने को मिलता है। यह बात इसके शेयर प्राइस से भी साफ पता चलती है। 26 मार्च 2020 को सुजलॉन एनर्जी के शेयर अपने ऑल टाइम लो स्तर 1.51 रुपये के भाव पर मिल रहे थे, जो अब बढ़कर करीब 67 रुपये पर पहुंच गया है। शेयर बाजार में आई हालिया उतार-चढ़ाव के बीच सुजलॉन एनर्जी के शेयरों का भाव अपने 86 रुपये के 52-वीक हाई से करीब 22 गिर चुका है। हालांकि कंपनी की कारोबारी सेहत अभी भी मजबूत है और अब ये ग्लोबल विंड एनर्जी इंडस्ट्री में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही है।

ग्लोबल विंड एनर्जी इंडस्ट्री में अभी तक चीन की कंपनियों का दबदबा रहा है, लेकिन अब सुजलॉन ने उन्हें टक्कर देना शुरू कर दिया है। वुड मैकेंजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुजलॉन दुनिया की उन टॉप-10 कंपनियों में से एक है, जिनके टर्बाइन मॉडलों की सबसे अधिक मांग है। खासतौर से इसके ‘S144 मॉडल’ खूब मांग में है। दिलचस्प बात यह है कि सुजलॉन इस लिस्ट में इकलौती गैर-चीनी कंपनी है। कंपनी को भारत में ही उसके ‘S144 मॉडल’ के लिए बहुत सारे ऑर्डर मिल चुके हैं।

चीन के दबदबे के बावजूद सुजलॉन का बढ़ता कदम

ग्लोबल विंड एनर्जी इंडस्ट्री में में चीनी कंपनियों का दबदबा है। साल 2024 की पहली छमाही में लगभग 82% ग्लोबल ऑर्डर्स चीन की कंपनियों के पास था। चीन में विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स की बड़ी संख्या इन कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में सहायक साबित हुई है। इसके बावजूद सुजलॉन ने भारतीय बाजार से मिले ठोस ऑर्डर्स के चलते अपने लिए एक खास जगह बना लिया है।

 

S144 मॉडल की सफलता

सुजलॉन का S144 मॉडल भारतीय बाजार में क्लाइंट्स के बीच काफी लोकप्रिय हो गया है। इसकी क्षमता 3.15 मेगावाट है। सुजलॉन को इसी साल सितंबर में NTPC ग्रीन एनर्जी से उसका अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर मिला था। फिर अक्टूबर में जिंदल रिन्यूएबल्स ने इसी मॉडल्स के लिए कंपनी को कई नए ऑर्डर दिए। ये सभी ऑर्डर्स मुख्य रूप से S144 टर्बाइन के लिए हैं। इन टर्बाइन को कम हवा में भी बेहतरीन प्रदर्शन देने के लिए डिजाइन किया गया है। कंपनी के पास इस समय लगभग 5.4 गीगावाट का ऑर्डर बुक है, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा S144 मॉडल के लिए है।

ग्लोबल मार्केट में संभावनाएं

S144 की बढ़ती सफलता के चलते सुजलॉन के लिए ग्लोबल मार्केट में अपनी पकड़ बनाने के नए मौके खुल सकते हैं। इस मॉडल की क लागत इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक आकर्षक विकल्प बना सकती है, खासकर जब नई तकनीकों और बड़ी क्षमता वाले टर्बाइनों की मांग बढ़ रही है। हालांकि, चीन की कंपनियां अधिक क्षमता वाले 5-7 मेगावाट के टर्बाइन बेच रही हैं, ऐसे में सुजलॉन को भी ग्लोबल कॉम्पिटीशन में बने रहने के लिए अपनी तकनीकों में निवेश बनाए रखना होगा।

3 साल में 1,000 फीसदी बढ़ा शेयर

पिछले एक साल में सुजलॉन के स्टॉक में करीब 115.25 फीसदी की तेजी आई है। वहीं पिछले 3 साल में इसका शेयर करीब 1000 फीसदी बढ़ा है। कंपनी के वित्तीय सेहत में सुधार और भारत में विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स के बढ़ते रुझान के चलते निवेशकों का रुझान बढ़ा है।

 

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top