फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (FIIs) का मंथली आउटफ्लो 24 अक्टूबर को पहली बार 1 लाख करोड़ के पार चला गया। हालांकि, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (DII) का इनफ्लो (निवेश) 97,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के प्रोविजनल आंकड़ों के मुताबिक, इस दिन ट्रेडिंग के दौरान डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (DII) ने 3,037 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जबकि फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (FIIs) ने 4,159 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की।
साथ ही, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स ने 15,203 करोड़ के शेयर खरीदे और 11,044 करोड़ के शेयर बेचे। इस बीच, फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (FIIs) ने 14,210 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 17,247 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इस साल अब तक FIIs 2.39 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं, जबकि DIIs ने 5.15 लाख करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की है।
सेंसेक्स 25 अक्टूबर को 662.87 अंकों यानी 0.83 पर्सेंट की गिरावट के साथ 79,402.29 अंकों पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी सूचकांक 218.60 अंक यानी 0.90 पर्सेंट नीचे गिरकर 24,180.80 पर पहुंच गया। निफ्टी में इंडसइंड बैंक, BPCL, अदाणी एंटरप्राइजेज, श्रीराम फाइनेंस और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली, जबकि ITC, सन फार्मा, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, HUL और एक्सिस बैंक के शेयरों में बढ़त देखने को मिली।
शेयर बाजार में 25 अक्टूबर को आई गिरावट पर कैपिटलमाइंड रिसर्च के रिसर्च एनालिस्ट कृष्ण अप्पाला का कहना था कि मार्केट करेक्शन का सिलसिला जारी है और निफ्टी अपने हालिया पीक से 7.8 पर्सेंट नीचे पहुंच गया है। उनके मुताबिक, सितंबर तिमाही के नतीजों में कंज्यूमर सेक्टरों, खास तौर पर ऑटो और FMCG सेक्टरों में सुस्ती देखने को मिल रही है, जबकि मांग में सुस्ती, बढ़ते कॉम्पिटिशन और हाई इनपुट कॉस्ट के कारण मार्जिन पर असर पड़ा है।