गोदावरी बायोरिफाइनरीज लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफर आज यानी IPO 23 अक्टूबर को ओपन हो गया है। निवेशक इस इश्यू के लिए 25 अक्टूबर तक बिडिंग कर सकेंगे। 30 अक्टूबर को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर कंपनी के शेयर लिस्ट होंगे।
इस इश्यू के जरिए कंपनी ₹554.75 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी ₹325 करोड़ के 9,232,955 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। जबकि, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹229.75 करोड़ के 6,526,983 शेयर बेच रहे हैं।
अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं।
मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?
गोदावरी बायोरिफाइनरीज लिमिटेड ने इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹334-₹352 तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 42 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹352 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,784 इन्वेस्ट करने होंगे।
वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 546 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹192,192 इन्वेस्ट करने होंगे।
इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व
कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा करीब 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है।
1956 में स्थापित हुई गोदावरी बॉयोरिफाइनरीज लिमिटेड
साल 1956 में स्थापित हुई गोदावरी बॉयोरिफाइनरीज एथेनॉल के केमिकल्स बनाती है। जून 2024 तक के डेटा के मुताबिक, कंपनी की एथेनॉल बनाने की प्रतिदिन क्षमता 570 किलोलीटर है। कंपनी के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में बॉयो-बेस्ड केमिकल्स, शुगर, अलग-अलग प्रकार के एथेनॉल, पावर शामिल हैं।
इनका इस्तेमाल फूड, बेवरेजेज, फार्मा,फ्लेवर्स और फ्रेगरेंसेज,पावर,फ्यूल, पर्सनल केयर और कॉस्मेटिक्सजैसी इंडस्ट्रीज में होता है। गोदावरी बॉयोरिफाइनरीज के दो मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटीज और तीन आरएंडडी फैसिलिटीज हैं।
IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।