गोल्ड में निवेश करने वाले लोगों की दिलचस्पी गोल्ड ईटीएफ में बढ़ रही है। एनएसई पर गोल्ड ईटीएफ में इस साल अब तक कुल 17,795 करोड़ रुपये की ट्रेडिंग हुई है। यह 2023 के 9,002 करोड़ रुपये के ट्रेडिंग वॉल्यूम का करीब दोगुना है। गोल्ड ईटीएफ पैसिवली मैनेज्ड म्यूचुअल फंड की स्कीम है। यह स्कीम 99.5 फीसदी प्योरिटी वाले गोल्ड में इनवेस्ट करती है। गोल्ड ईटीएफ की यूनिट्स को स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा या बेचा जा सकता है। इसमें निवेश के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है।
गोल्ड ईटीएफ में बढ़ रही निवेशकों की दिलचस्पी
क्वांटम म्यूचुअल फंड के सीआईओ चिराग मेहता ने कहा कि गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ने की वजहें हैं। सरकार का नया सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGB) इसकी सबसे बड़ी वजह है। फरवरी से सरकार ने एसजीबी की नई किस्त जारी नहीं की है। सेकेंडरी मार्केट में एसजीबी में प्रीमियम पर ट्रेडिंग हो रही है। इससे निवेशक निवेश नहीं करना चाहते हैं। ऐसे में उन्हें गोल्ड ईटीएफ सही विकल्प लगता है।
गोल्ड ईटीएफ के टैक्स के नियमों में बदलाव
दूसरी वजह यह है कि पिछले कुछ समय में कई म्यूचुअल फंड हाउसेज ने मल्टी एसेट फंड लॉन्च किए हैं। इससे गोल्ड ईटीएफ में वॉल्यूम बढ़ा है। तीसरा, इस साल यूनियन बजट के बाद गोल्ड ईटीएफ की चमक बढ़ी है। दरअसल, सरकार ने टैक्स के नियमों में बदलाव किया है। अब गोल्ड ईटीएफ की यूनिट्स एक साल के बाद बेचने पर 12.5 फीसदी के रेट से कैपिटल गेंस टैक्स लगेगा। पहले इनवेस्टर के टैक्स स्लैब के हिसाब से कैपिटल गेंस पर टैक्स लगता था।
गोल्ड ईटीएफ की यूनिट्स कभी खरीदी या बेची जा सकती है
आप जब चाहे गोल्ड ईटीएफ की यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं। ज्यादातर गोल्ड ईटीएफ में लिक्विडिटी की समस्या नहीं है। पिछले एक महीने में एनएसई में गोल्ड ईटीएफ में एवरेज डेली ट्रेडिंग वॉल्यूम 136 करोड़ रुपये रहा है। Nippon India ETF Gold BeES सबसे ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यूम वाला गोल्ड ईटीएफ है। पिछले एक महीने में इस स्कीम का डेली एवरेज वॉल्यूम 67 करोड़ रुपये रहा है।
गोल्ड निवेश का सबसे सुरक्षित माध्यम
युवाओं के बीच भी गोल्ड में निवेश की दिलचस्पी बढ़ी है। वे गोल्ड ईटीएफ में पैसे लगा रहे हैं। दरअसल, एक्सपर्ट्स का कहना है कि आज भी गोल्ड निवेश का सबसे सुरक्षित जरिया है। इनफ्लेशन, आर्थिक अनिश्चितता, युद्ध या किसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में गोल्ड एकमात्र ऐसी चीज है, जिसकी वैल्यू खत्म नहीं होती है। इसलिए गोल्ड में निवेश की वजह सिर्फ रिटर्न हासिल करना नहीं है। यह निवेशक को विपरीत स्थितियों में आर्थिक सुरक्षा देता है।
पोर्टफोलियो में 5-10 फीसदी गोल्ड जरूरी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में गोल्ड की हिस्सेदारी 5-10 फीसदी के बीच होनी चाहिए। जो निवेशक गोल्ड ईटीएफ में एकमुश्त निवेश नहीं कर सकते, वे गोल्ड फंड में सिप से निवेश कर सकते हैं। सिप से निवेश करने में निवेशक को गोल्ड की कीमतों में होने वाले उतारचढ़ाव की भी चिंता करने की जरूरत नहीं होती है। गोल्ड फंड म्यूचुअल फंडों की ऐसी स्कीमें हैं जो गोल्ड ईटीएफ में निवेश करती हैं।
गोल्ड ईटीएफ स्कीमों का रिटर्न
अभी मार्केट में गोल्ड ईटीएफ की 17 स्कीमें हैं। इनका एक साल का औसत रिटर्न 29 फीसदी से ज्यादा रहा है। तीन साल में इनका औसत रिटर्न करीब सालाना 17 फीसदी और 5 साल में औसत रिटर्न सालाना 13.59 फीसदी रहा है। यह किसी भी स्टैंडर्ड से बहुत अच्छा रिटर्न है। जिस तरह से सोने की कीमतों में पिछले कुछ समय से तेजी जारी है, उससे सोने में निवेश पर बहुत अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद है।