विप्रो के दूसरी तिमाही के नतीजे अच्छे हैं। कंपनी का मार्जिन इस दौरान बढ़ा है। नए ऑर्डर के लिहाज से भी दूसरी तिमाही कंपनी के लिए अच्छी रही। शॉर्ट टर्म में कंपनी का गाइडेंस थोड़ा निराश करता है। लेकिन, मीडियम टर्म में डिमांड को लेकर मैनेजमेंट की कमेंट्री पॉजिटिव है। ऐसे में विप्रो के शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद है। अगर डिमांड में इम्प्रूवमेंट आता है तो प्रतिद्वद्वी कंपनियों और विप्रो की वैल्यूएशन के बीच का फर्क घटेगा। 1:1 बोनस के ऐलान से भी इस स्टॉक का अट्रैक्शन बढ़ा है।
छह तिमाहियों तक घटने के बाद बढ़ा रेवेन्यू
दूसरी तिमाही में तिमाही दर तिमाही आधार पर Wipro के आईटी सर्विसेज की रेवेन्यू ग्रोथ 0.6 फीसदी रही। इससे पहले लगातार छह तिमाहियों में रेवेन्यू में कमी देखने को मिली थी। हालांकि, साल दर साल आधार पर कंस्टैंट करेंसी (CC) में रेवेन्यू 2.3 फीसदी घटा है। कंपनी की कंसल्टिंग इकाई Capco का रेवेन्यू तिमाही दर तिमाही आधार पर 3.4 फीसदी बढ़ा, जबकि साल दर साल आधार पर यह 6.9 फीसदी बढ़ा। इससे डिस्क्रेशनरी खर्च बढ़ने का संकेत मिलता है।
अमेरिका 1 और अमेरिका 2 में बेहतर प्रदर्शन
अमेरिका 1, अमेरिका 2 और APMEA जैसे प्रमुख मार्केट्स में तिमाही दर तिमाही ग्रोथ देखने को मिली है, जबकि यूरोपीय मार्केट्स में प्रदर्शन में Constant Currency में थोड़ी गिरावट दिखी है। विप्रो का प्रदर्शन BFSI में अच्छा रहा। कंज्यूमर, टेक्नोलॉजी और हेल्थ जैसे वर्टिकल्स में भी इसका प्रदर्शन अच्छा रहा। लेकिन, एनर्जी यूटिलिटीज और मैन्युफैक्चरिंग पर दबाव बना हुआ है। कंपनी को दोनों वर्टिकल्स पर फोकस बढ़ाना होगा। विप्रो तिमाही दर तिमाही आधार पर ऑपरेटिंग मार्जिन बढ़ाने में कामयाब रही है।
लगातार दूसरी तिमाही एंप्लॉयीज की संख्या बढ़ी
दूसरी तिमाही में कुल 3.6 अरब डॉलर के नए ऑर्डर हासिल किए। यह तिमाही दर तिमाही आधार पर 9 फीसदी ज्यादा है। बड़ी डील हासिल करने में भी कंपनी कामयाब रही। इससे भविष्य में बेहतर प्रदर्शन को लेकर कंपनी का आत्मविश्वास बढ़ा है। यूटिलाइजेशन 86.4 फीसदी के हाई लेवल पर पहुंच गया। लगातार दूसरी तिमाही कंपनी ने एंप्लॉयीज की संख्या बढ़ाई, जो कारोबार के लिहाज से पॉजिटिव संकेत है। कंपनी ने तीसरी तिमाही में प्रदर्शन कमजोर रहने के संकेत दिए हैं। उसने कहा है कि तीसरी तिमाही में रेवेन्यू ग्रोथ -2 से 0 के बीच रह सकती है।
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
शॉर्ट टर्म में भले ही कंपनी को दबाव का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन मीडियम टर्म में एग्जिक्यूशन को लेकर स्थिति बेहतर रहने की उम्मीद दिख रही है। कंपनी अब भी आईटी इंडस्ट्री में लीडिंग पोजीशन से दूर है। इसका असर वैल्यूएशन में भी दिखता है। लेकिन, एग्जिक्यूशन बेहतर होने के साथ वैल्यूएशन के बीच का फर्क घटने की उम्मीद है। Macquarie ने विप्रो के शेयरों के लिए 670 रुपये का टारगेट दिया है। नोमुरा ने 680 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है।