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Adani Enterprises को SEBI ने भेजा कारण बताओ नोटिस, हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच से जुड़ा है मामला

अदाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज को मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) से 2 कारण बताओ नोटिस मिले हैं। ये दोनों नोटिस ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मामले में चल रही जांच से संबंधित हैं। चौथी तिमाही के नतीजों की घोषणा के साथ ही कंपनी ने आज 2 मई को रेगुलेटरी फाइलिंग में यह जानकारी दी। अदाणी एंटरप्राइजेज ने कहा कि 31 मार्च 2024 को समाप्त तिमाही के दौरान कंपनी को सेबी से लिस्टिंग एग्रीमेंट और डिसक्लोजर रिक्वायरमेंट्स (LODR रेगुलेशन) के प्रोविजन का पालन न करने का आरोप लगाते हुए नोटिस मिला है।

Adani Enterprises ने नोटिस पर क्या कहा?

फाइलिंग में कहा गया है कि कथित नॉन-कंप्लायंस थर्ड पार्टी के साथ कुछ लेनदेन के संबंध में रिटेलेड पार्टी ट्रांजेक्शन और पिछले वर्षों में स्टैचुअरी ऑडिटर्स के पियर रिव्यू सर्टिफिकेशन की वैलिडिटी से संबंधित है। हालांकि, कंपनी ने एक बयान में स्पष्ट किया है कि FY24 के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स पर इस कारण बताओ नोटिस का कोई अहम प्रभाव नहीं है और लागू कानूनों और रेगुलेशन के साथ कोई मटेरियल नॉन-कंप्लायंस नहीं है।

अदाणी एंटरप्राइजेज ने कहा कि पिछले साल अदाणी ग्रुप की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदानी एंटरप्राइजेज ने एक कानूनी फर्म द्वारा इंडिपेंडेंट असेसमेंट के माध्यम से अप्रैल 2023 में शॉर्ट-सेलर रिपोर्ट (SSR) में बताए गए लेनदेन की समीक्षा की। एक्सचेंज फाइलिंग में दावा किया गया है कि कानूनी फर्म के आकलन से पता चला है कि SSR में बताए गए कथित संबंधित पक्षों में से कोई भी पेरेंट कंपनी या उसकी सब्सिडियरी कंपनियों से संबंधित पक्ष नहीं था।

अदाणी ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से मिली है राहत

अदाणी ग्रुप के लिए एक बड़ी राहत के रूप में जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अदाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच सेबी से स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम को ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है। इसके अलावा, अदालत ने सेबी को अपनी दो पेंडिंग इनवेस्टिगेशन को तीन महीने के भीतर पूरा करने और अपनी पूरी जांच को कानून के अनुसार लॉजिकल कनक्लुजन तक ले जाने का निर्देश दिया। उस समय सेबी ने अदाणी ग्रुप की 24 में से 22 जांच पूरी कर ली थीं।

बता दें कि 31 मार्च 2023 को समाप्त तिमाही के दौरान हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें अदाणी ग्रुप की कंपनियों पर स्टॉक मैनिपुलेशन के साथ ही कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि, अदाणी ग्रुप ने इन सभी आरोपों का खंडन किया था।

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