Tata chemicals share: टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा केमिकल्स ने सितंबर तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कपंनी का नेट प्रॉफिट 54.67 प्रतिशत घटकर 194 करोड़ रुपये रहा है। टाटा केमिकल्स ने शेयर बाजारों को यह जानकारी दी। पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी का मुनाफा 428 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी की परिचालन आय तिमाही के दौरान 3,999 करोड़ रुपये पर स्थिर रही। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 3,998 करोड़ रुपये थी।
क्या है मुनाफे में गिरावट की वजह
भारत में सोडा ऐश की कुल मांग स्थिर रही, जबकि अमेरिका और यूरोप में कंटेनर ग्लास जैसे कुछ क्षेत्रों में मांग में कमी आई। टाटा केमिकल्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आर मुकुंदन ने बताया कि जुलाई और अगस्त में हुई अप्रत्याशित भारी बारिश ने मीठापुर के परिचालन को प्रभावित किया, जिससे पिछली तिमाही की तुलना में उत्पादन कम हुआ, जिससे मार्जिन पर असर पड़ा। हालांकि, उन्होंने कहा कि सोडा ऐश की अधिक प्राप्ति के साथ-साथ अधिक बिक्री मात्रा के कारण कंपनी का कुल प्रदर्शन पिछली तिमाही की तुलना में बेहतर रहा।
शेयर का हाल
टाटा केमिकल्स के शेयर की बात करें तो यह 2.41% टूटकर 1073.70 रुपये पर बंद हुआ। सप्ताह के चौथे दिन गुरुवार को यह शेयर ट्रेडिंग के दौरान 1065.35 रुपये के निचले स्तर तक आ गया था। मार्च 2024 को शेयर 1349.70 रुपये के हाई लेवल पर था। 29 फरवरी 2024 को शेयर 933 रुपये पर था। यह शेयर के 52 हफ्ते का लो है।
कंपनी ने जुटाए 1700 करोड़ रुपये
बीते अगस्त महीने में टाटा की कंपनी टाटा केमिकल्स ने निवेशकों को निजी नियोजन के आधार पर गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) जारी कर 1,700 करोड़ रुपये जुटाए थे। कंपनी ने शेयर बाजार को दी एक सूचना में कहा कि निदेशक मंडल की तरफ से गठित एक आंतरिक समिति ने 1,70,000 एनसीडी आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इनमें से प्रत्येक एनसीडी का मूल्य एक लाख रुपये है। कंपनी ने कहा कि तीन साल के लिए एनसीडी जारी कर कुल 1,700 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर को चिह्नित निवेशकों को निजी नियोजन के आधार पर जारी किया गया है।