बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट देखने को मिली करीब 200 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ निफ्टी 24800 के नीचे फिसला, बैंक निफ्टी 500 अंक से ज्यादा गिरा, मिडकैप और स्मॉलकैप में एक फीसदी से ज्यादा की बिकवाली रही। अनुमान से कमजोर नतीजों और कमेंट्री से बजाज ऑटो में 12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली। मार्च 2020 के बाद में इंट्राडे में सबसे ज्यादा फिसलकर आज यह स्टॉक वायदा का टॉप लूजर बना। कारोबार के अंत में ये स्टॉक 1,497.50 अंक यानी 12.89 फीसदी गिरकर 1019.45 के स्तर पर बंद हुआ। आज बजाज ऑटो ने दूसरे ऑटो शेयरों पर भी दबाव बनाया। हीरो और TVS 3फीसदी के ज्यादा फिसले। साथ ही आयशर, मारुति और M&M भी 2-3 फीसदी गिरे।
दूसरी तिमाही नतीजों के पहले से ही ऑटो शेयर दबाव में
दूसरी तिमाही नतीजों के पहले से ही ऑटो शेयर दबाव में थे। 27 सितंबर के रिकॉर्ड हाई से ऑटो इंडेक्स 9 फीसदी नीचे है। इस महीने और हफ्ते ऑटो इंडेक्स के सभी शेयर नीचे रहे हैं। बजाज ऑटो इस हफ्ते 13.66 फीसदी टूटा है। वहीं इस महीने इसमें 16.94 फीसदी की गिरावट आई है। हीरो मोटो इस हफ्ते 4.56 फीसदी टूटा है। वहीं इस महीने इसमें 8.5 फीसदी की गिरावट आई है। मारुति सुजुकी इस हफ्ते 5.18 फीसदी टूटा है। वहीं इस महीने इसमें 8.4 फीसदी की गिरावट आई है। M&M इस हफ्ते 4.95 फीसदी टूटा है। वहीं इस महीने इसमें 3.74 फीसदी की गिरावट आई है।
TVS मोटर इस हफ्ते 4.88 फीसदी टूटा है। वहीं इस महीने इसमें 6.4 फीसदी की गिरावट आई है। आयशर मोटर्स इस हफ्ते 2.41 फीसदी टूटा है। वहीं इस महीने इसमें 8.2 फीसदी की गिरावट आई है। टाटा मोटर्स इस हफ्ते 3.18 फीसदी टूटा है। वहीं इस महीने इसमें 7.54 फीसदी की गिरावट आई है। अशोक लेलैंड इस हफ्ते 2.73 फीसदी टूटा है। वहीं इस महीने इसमें 5.84 फीसदी की गिरावट आई है
आज क्यों टूटे ऑटो शेयर
आज ऑटो शेयरों में इतनी गिरावट क्यों आई, इस पर नजर डालें तो त्योहारी बिक्री अनुमान से कम रही है। रिटेल रजिस्ट्रेशन त्योहारों में कम डिमांड दिखाते हैं। त्योहारी सीजन के पहले आधे भाग में टू-व्हीलर ग्रोथ 1-2 फीसदी रही है। कंपनियों को त्योहारों में 5-6 फीसदी ग्रोथ का अनुमान था। ब्रोकरेज हाउसेस को त्योहारों में 8-10 फीसदी ग्रोथ का अनुमान था। इन्वेंटरी बढ़ना भी बड़ी चिंता की बात है। साथ ही कच्चे माल के दाम बढ़े हैं। Hyundai IPO को भी ठंडा रिस्पांस मिला है।
वैल्युएशन भी महंगे
जानकारों ने ऑटो शेयरों की गिरावट के पीछे महंगे वैल्युएशन (Valuation) से जुड़ी चिंता को भी एक बड़ी वजह बताया है। वैल्यूएशन पर नजर डालें तो बजाज ऑटो FY26e के 28 गुना पर कारोबार कर रहा है। जबकि इसका 5 साल का औसत 20 गुना का है। M&M FY26e के 26 गुना पर कारोबार कर रहा है। जबकि इसका 5 साल का औसत 17 गुना का है। हीरो मोटो FY26e के 20 गुना पर कारोबार कर रहा है। जबकि इसका 5 साल का औसत 18 गुना का है। मारुति FY26e के 22 गुना पर कारोबार कर रहा है। जबकि इसका 5 साल का औसत 38 गुना का है। TVS मोटर FY26e के 40 गुना पर कारोबार कर रहा है। जबकि इसका 5 साल का औसत 42 गुना का है।