अरबपति गौतम अदाणी की अगुआई वाले अदाणी ग्रुप (Adani Group) ने इस साल दूसरी बार अमेरिकी डॉलर बॉन्ड मार्केट में वापसी की है। इस बार अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy) की इकाई 20 साल के ग्रीन नोट्स की बिक्री कर रही है। इन बॉन्ड्स से मिली राशि का इस्तेमाल विदेशी करेंसी में लिए गए कर्ज को चुकाने के लिए किया जाएगा। यह अदाणी ग्रुप की वित्तीय चैनलों तक बेहतर होती पहुंच को दिखाता है, जो पिछले साल अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट आने के बाद प्रभावित हुआ था। यह बॉन्ड बिक्री ऐसे समय में हो रही है जब अदाणी ग्रुप की सबसे प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड भी विभिन्न संस्थाओं से करीब 50 करोड़ डॉलर जुटाने की कोशिश कर रही है।
न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। अदाणी ग्रुप को 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के चलते मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। इस रिपोर्ट के चलते अदाणी ग्रुप की मार्केट कैपिटलाइजेशन एक समय 150 अरब डॉलर तक कम हो गई थी।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आरोपों को अदाणी ग्रुप ने बार-बार खारिज किया है। उसके बाद से, अदाणी ग्रुप नेनिवेशकों का भरोसे को फिर से बहाल करने के लिए लिए कर्ज को कमी की है, प्रमुख परियोजनाओं को आगे बढ़ाया है, और भविष्य की योजनाओं को लेकर नई जानकारियां साझा किया है। इसमें गौतम अदाणी के रिटायरमेंट प्लान से जुड़ी योजनाएं भी शामिल हैं।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अदाणी ग्रुप फरवरी के अंत तक करीब 1.5 बिलियन डॉलर के बॉन्ड बेच सकता है। इनमें मुख्य रूप से अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड की यूनिट्स शामिल होंगी। मंगलवार को पेश किए गए डॉलर बॉन्ड के शुरुआती मूल्य मार्गदर्शन लगभग 7% है। अदाणी ग्रीन की सहायक कंपनियों ने मंगलवार को लगभग 7% के शुरुआती प्राइस गाइडेंस के साथ डॉलर बॉन्ड की बिक्री शुरू की हैं।।
भारतीय कंपनियों की ओर डॉलर बॉन्ड की बिक्री तीन साल के उच्चतम स्तर पर है। इन बॉन्ड बिक्री के जरिए साल 2024 में अब तक करीब 10 बिलियन डॉलर जुटाए गए हैं। ब्लूमबर्ग के एक इंडेक्स के अनुसार, डॉलर डेट पर स्प्रेड्स दशकों में अपने सबसे निचले स्तर के करीब हैं।