HDFC Bank Share Price: प्राइवेट सेक्टर में देश के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक के शेयरो में आज मामूली उतार-चढ़ाव दिख रहा है। मुनाफावसूली के चलते शेयर ऊपर नहीं जा पा रहे हैं। हालांकि वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज के हिसाब से इसमें गिरावट को खरीदारी के सुनहरे मौके के तौर पर देखना चाहिए। जेफरीज ने इसे 1890 रुपये के टारगेट प्राइस पर खरीदारी की रेटिंग दी है। वहीं आज शेयरों के चाल की बात करें तो फिलहाल BSE पर यह 0.17 फीसदी की गिरावट के साथ 1685.65 रुपये के भाव पर है। इंट्रा-डे में यह 0.56 फीसदी उछलकर 1698.00 रुपये के भाव पर पहुंच गया था। इस साल एचडीएफसी बैंक के शेयर डेढ़ फीसदी से अधिक कमजोर हुए हैं।
HDFC Bank पर Jefferies ने क्यों लगाया दांव?
एचडीएफसी बैंक का लक्ष्य अपने लोन-टू-डिपॉजिट रेश्यो को तीन साल में 85-90 फीसदी तक लाने का है। ब्रोकरेज के मुताबिक यह डिपॉजिट में सालाना 15 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) और लोन ग्रोथ के सुस्त होकर 11 फीसदी के CAGR पर आने पर हासिल हो सकता है। यह रेश्यो बताता है कि बैंक का कितना डिपॉजिट लोन के रूप में बांटा गया है। इस रेश्यो से बैंक की लिक्विडिटी, फंडिंग स्ट्रैटेजी और रिस्क के बारे में पता चलता है। ब्रोकरेज के मुताबिक ब्रांच विस्तार की स्ट्रैटेजी से इसे डिपॉजिट्स में मार्केट शेयर बढ़ाने में मदद मिलेगी।
वैसे यह भी जानना अहम है कि पिछले साल जुलाई 2023 में एचडीएफसी के विलय के चलते इसके पास डिपॉजिट्स की तुलना में लोन अधिक हो गए हैं जिससे इसका लोन-टू-डिपॉजिट रेश्यो उछलकर 110 फीसदी पर पहुंच गया। ऐसे में लिक्विडिटी से जुड़ी चुनौती से निपटने के लिए बैंक का फोकस लोन बांटने की बजाय डिपॉजिट बढ़ाने पर है। बैंक सितंबर तिमाही के नतीजे 19 अक्टूबर को जारी करेगा लेकिन इस महीने की शुरुआत में बैंक ने जो कारोबारी अपडेट दिया था, उसके मुताबिक डिपॉजिट ग्रोथ की स्पीड लोन ग्रोथ से अधिक रही।
हालांकि लोन ग्रोथ सेक्टर एवरेज के बराबर या उससे कम पर बनी रह सकती है लेकिन जेफरीज के मुताबिक फंडिंग की लागत घटाने की काफी गुंजाइश है जिसके चलते इसका नेट इंटेरेस्ट मार्जिन (NIM) बढ़ सकता है। खास बात ये है कि प्रॉयोरिटी सेक्टर में लोन बांटने के नियम का इसके मुनाफे पर खास असर पड़ने की आशंका नहीं दिख रही है।
एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल?
देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक के शेयरों में एक साल में काफी उतार-चढ़ाव दिखा। 14 फरवरी 2024 को यह एक साल के निचले स्तकर 1363.45 रुपये पर था। इस लेवल से 5 महीने में यह 31 फीसदी से अधिक उछलकर 3 जुलाई 2024 को 1791.90 रुपये की रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। हालांकि शेयरों की तेजी यहीं थम गई और फिलहाल इस हाई से यह करीब 6 फीसदी डाउनसाइड है
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