विश्लेषकों ने कहा कि इंडेक्स का मौजूदा स्तर और विदेशी फंडों की सतत बिकवाली निफ्टी की संभावना पर मंडरा रही हैं। ऐंजल वन के शोध प्रमुख समित चौहान ने कहा कि तकनीकी तौर पर बाजार का परिदृश्य मोटे तौर पर बहुत बदला हुआ नहीं दिखता।
इसमें किसी तरह के साफ रुझान नहीं है जो चुनौतीपूर्ण माहौल बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि 24,800 समर्थन का अहम स्तर है और यहां से बड़ी गिरावट से आगे और नरमी आ सकती है। इसके उलट 25,250-25,300 मजबूत प्रतिरोध स्तर बना हुआ है।
आने वाले समय में उतार-चढ़ाव में इजाफा हो सकता है और व्यापक बाजार में मौके उभर सकते हैं क्योंकि तिमाही नतीजे शुरू हो चुके हैं। शुक्रवार को निफ्टी 24,964 पर बंद हुआ। विदेशी फंडों ने इस महीने अभी तक करीब 6 अरब डॉलर की बिकवाली की है।
एशियन पेंट्स के लिए चुनौतियां अपार
उद्योग की दिग्गज एशियन पेंट्स के शेयर में इस साल करीब 10 फीसदी की गिरावट आई है जबकि बेंचमार्क एनएसई निफ्टी-50 में 15 फीसदी की उछाल आई है। शेयर का कमजोर प्रदर्शन घटती बिक्री और बाजार हिस्सेदारी के नुकसान के बीच देखने को मिला है और नई कंपनियां जेएसडब्ल्यू पेंट्स और बिड़ला ओपस आगे बढ़ रही हैं।
इलारा कैपिटल के हालिया नोट में कहा गया है कि एशियन पेंट्स का परिदृश्य बढ़ते प्रतिस्पर्धी दबाव के कारण नकारात्मक बना हुआ है। सितंबर तिमाही में पेंट उद्योग एक अंक में भी वृद्धि दर्ज नहीं कर पाया। रिपोर्ट के मुताबिक एशियन पेंट्स का राजस्व सपाट रह सकता है। सूचीबद्ध प्रतिस्पर्धियों में ब्रोकरेज को बर्जर पेंट्स पसंद है, जो अपेक्षाकृत तेज वृद्धि और कम मार्जिन के दबाव के लिहाज से बेहतर स्थिति में हैं।
जीई टीऐंडडी के ओएफएस में लाभ
जीई टीऐंडडी इंडिया (पूर्व में अलस्टॉम टीऐंडडी इंडिया) के ओएफएस में हिस्सा लेने वाले म्युचुअल फंडों को महज एक महीने में 20 फीसदी की बढ़ोतरी का लाभ मिला है। इसमें भागीदारी करने वालों में आदित्य बिड़ला सन लाइफ (714 करोड़ रुपये का निवेश), ऐक्सिस (434 करोड़ रुपये), कोटक और मोतीलाल ओसवाल म्युचुअल फंड शामिल हैं।
जीई टीऐंडडी के प्रवर्तकों ने सितंबर में 1,445 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 11.7 फीसदी हिस्सेदारी बेची। यह शेयर अभी 1,770 रुपये पर कारोबार कर रहा है। अगस्त में नुवामा ने इस शेयर को अपग्रेड कर घटाएं से खरीद करते हुए लक्षित कीमत 800 रुपये से 2,000 रुपये कर दी थी।