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इजरायल ने ईरान में हमले के लिए ‘लक्ष्यों’ की कर ली पहचान, शेयर बाजार की बढ़ सकती हैं धड़कनें

Iran Israel War: ईरान ने 3 अक्टूबर को इजरायल पर बड़ा हमला करते हुए करीब 200 मिसाइलें छोड़ी थीं। इजरायल ने अभी तक इस हमले का जवाब नहीं दिया है। हालांकि अब ऐसी रिपोर्टें आ रही है इजरायल ने जबावी हमले के लिए अपने टारगेट की सूची लगभग तैयार कर ली है। इस संभावित हमले को लेकर पूरा ग्लोबल मार्केट सहमा हुआ है। टाइम्स ऑफ इजरायल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के सिक्योरिटी कैबिनेट ने गुरुवार को एक अहम बैठक की, जिसमें ईरान को जवाब देने पर चर्चा की गई, लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया।

रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल इसे लेकर अमेरिकी अधिकारियों के साथ भी लगातार बातचीत कर रहा है। दोनों देशों के बीच रणनीतिक चर्चा जारी है, हालांकि यह जबावी हमला कितना बड़ा होगा, इसे लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

एक अलग रिपोर्ट में NBC न्यूज ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा कि इजरायल ने जवाबी कार्रवाई के लिए अपने लक्ष्यों की पहचान कर ली है। अधिकारियों ने कहा कि इजरायल ईरान के सैन्य और पेट्रोलियम ठिकानों पर हमला कर सकता है।

 

उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल की ओर से ईरान के परमाणु ठिकानों या हाई-प्रोफाइल नेताओं पर हमला करने की संभावना नहीं है। ऐसा हमला पूरे मिडिल ईस्ट में बड़े पैमाने पर संघर्ष का कारण बन सकता है, इसलिए इसे टालने की कोशिश की जा रही है। अधिकारियों ने एनबीसी न्यूज को यह भी बताया कि इजरायल ने अभी तक जवाबी हमले को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है।

टाइम्स ऑफ इजरायल ने कहा कि अमेरिका और इजरायल, मिडिल ईस्ट से जुड़े अधिकतर मुद्दों पर सहमत हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच फोन पर हुई हालिया बातचीत भी “सकारात्मक” थी।

ईरान ने पिछले हफ्ते लेबनान चीफ हसन नसराल्लाह की मौत के बाद इजरायल पर हमला किया था। ईरान का कहना है कि अगर इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की तो उसे “कड़ी प्रतिक्रिया” का सामना करना पड़ेगा। वहीं प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इसे ईरान की “बड़ी गलती” बताया और कहा कि ईरान को इसके लिए कीमत चुकानी पड़ेगी।

मिडिल ईस्ट में बढ़ता तनाव

इस बीच ईरान ने मिडिल ईस्ट के दूसरे देशों से कूटनीतिक संपर्क किया है। CNN की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान यह आकलन करने की कोशिश कर रहा है कि क्या ये देश इजरायल की जवाबी कार्रवाई रोकने में मदद कर सकते हैं। या जवाबी कार्रवाई की कोशिश में क्या वे ईरान की मदद के लिए आगे आ सकते हैं। CNN की रिपोर्ट में बताया गया है कि ईरान मानता है कि हाल के महीनों में इजरायल पर अमेरिकी असर कम हुआ है और इजरायल अब अमेरिका की संयम बरतने की अपील पर पहले की तरह ध्यान नहीं देता है।

इस बीच Wall Street Journal की रिपोर्ट के अनुसार, खाड़ी देशों ने अमेरिका से अपील किया है कि वह इजरायल को ईरान के तेल ठिकानों पर हमला करने से रोके। उन्हें डर है कि अगर संघर्ष बढ़ा तो ईरान के समर्थन वाले समूह उनके तेल ठिकानों को निशाना बना सकते हैं। फिलहाल, यह साफ नहीं है कि इजरायल कब और कैसे जवाबी कार्रवाई करेगा। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, यह जवाब योम किप्पुर की छुट्टियों के दौरान भी हो सकता है, जो यहूदी धर्म में आत्ममंथन और माफी मांगने का दिन होता है।

 

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