गुरुवार को बंधन बैंक ने एक्सचेंजों को बताया कि आरबीआई ने उसे पार्थ प्रतिम सेनगुप्ता को तीन वर्ष के लिए एमडी और सीईओ नियुक्त करने की अनुमति दे दी है। बैंक ने उसी दिन यह भी घोषणा की कि ऑडिट के अनुसार एनसीजीटीसी बैंक को 314.68 करोड़ रुपये का और भुगतान करेगी।
एनसीजीटीसी पिछले साल पहली किस्त के रूप में बैंक को 916 करोड़ रुपये भुगतान कर चुकी है। बैंक बट्टे खातों से जुड़ी 228 करोड़ रुपये रकम, जो दावे का हिस्सा थी, भी वसूल चुका है। कुल मिलाकर बैंक के बही-खाते में अन्य आय के मद में 543 करोड़ रुपये और आएंगे।
सीएलएसए ने शुक्रवार को कहा, ‘ये दोनों चिंता दूर होने के बाद ध्यान एक बार फिर बैंक की बुनियादी मजबूती पर लौट आएगा। निकट अवधि में सूक्ष्म वित्त के लिए ऋण भुगतान में चूक की आशंका बहुत कम है। हमारा मानना है कि यह बात अनुमानों और इसकी कीमतों में दिख चुकी है।’
दिलचस्प बात है कि बंधन बैंक निजी क्षेत्र का दूसरा बैंक बन गया है जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक से ताल्लुक रखने वाला कोई व्यक्ति एमडी और सीईओ बनने जा रहा है।