इंटरनेशनल मार्केट में पाम ऑयल की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। मलेशिया में भाव 5 महीनों की ऊंचाई के करीब पहुंच गए हैं। मलेशिया में पाम ऑयल के दाम 4285 रिंग्गित के पार निकल गया है। दरअसल, सोयाबीन में तेजी से कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। इधर बायोडीजल के लिए मांग बढ़ने से भी पाम ऑयल की कीमतों में तेजी आई है। रिंग्गित में मजबूती से भी सपोर्ट मिल रहा ह। मलेशिया में एक महीने में इन्वेंटरी 4% बढ़ी है।
गौरतलब है कि पाम ऑयल की चाल पर नजर डालें तो 1 हफ्ते में इसमें 2 फीसदी की बढ़त देखने को मिली। जबकि 1 महीने में 10 फीसदी चढ़ा है। वहीं 1 साल में पाम ऑयल में 21 फीसदी की बढ़त देखने को मिली।
पाम ऑयल की कीमतों में तेजी की क्या हैं कारण, कहां तक चढ़ सकते हैं दाम, और भारत में त्योहारों के मद्देनजर कीमतों में कितना फर्क पड़ेगा । इन सब पर सीएनबीसी-आवाज से बात करते हुए SUNVIN Group के CEO संदीप बाजोरिया ने कहा कि देश में पाम ऑयल का इंपोर्ट गिर रहा है।संदीप ने कहा कि दाम ज्यादा होने के कारण पाम ऑयल का इंपोर्ट गिरा है।
उन्होंने आगे कहा कि पहले पाम के दाम कम थे इसलिए इंपोर्ट बढ़ा था। सोयाबीन, सनफ्लावर का इंपोर्ट बढ़ रहा है। NAFED के पास सरसों का अच्छा खासा स्टॉक है। संदीप बाजोरिया ने आगे कहा कि सालाना 260 लाख टन देश में खाने के तेल की खपत होती है। सालाना एक व्यक्ति 19 किलो तेल खाता है। किसानों को सोयाबीन के सही दाम नहीं मिल रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि बीते 3-4 दिनों से काने के तेल की मांग गिरी है।त्योहारों के मद्देनजर खाने के तेल की बिक्री हो चुकी है। सोयाबीन के लिए सोयामील के सही दाम मिलना जरुरी है। सरकार को सोयामील के एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना चाहिए। संदीप बाजोरिया ने इस बातचीत में आगे कहा कि खाने के तेल की कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है।