Oil Prices: इजराइल और ईरान के बीच लड़ाई ने अब कच्चे तेल की आंच बहुत बढ़ गई है। कच्चे तेल के भाव 80 डॉलर के पार चले गए हैं। इसकी वजह ये है कि निवेशकों को इजराइल पर हमले के 1 साल के पूरा होने पर मिडिल ईस्ट में लड़ाई और बढ़ने की आशंका बनी। फिलहाल ब्रेंट क्रूड 80 डॉलर के पार है और नवंबर डिलीवरी वाला अमेरिकी तेल वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) भी प्रति डॉलर 76.50 डॉलर के पार चला गया है। पिछले कुछ समय से ऑयल फ्यूचर्स के भाव में काफी उतार-चढ़ाव दिख रहा है। पिछले महीने कमजोर मांग की आशंका के चलते इसके भाव 70 डॉलर के नीचे गिर गए थे और फिर एकाएक मिडिल-ईस्ट में गहराते तनाव के चलते पिछले हफ्ते 10 फीसदी से अधिक उछल गया।
Oil Prices: किन बातों से मिल रहा तेल को सपोर्ट?
इजराइल और ईरान के बीच के जंगी माहौल से पूरे मिडिल ईस्ट में अस्थिरता हो गई है। निवेशकों के बीच यह डर है कि इस हमले में ऑयल फैसिलिटीज पर भी हमले हो सकते हैं। मिडिल ईस्ट के अलावा तेल की कीमतों को चीन से मजबूत मांग की उम्मीद से भी सपोर्ट मिल रहा। चीन ने हाल ही में अपनी सुस्त अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े प्रोत्साहनों का ऐलान किया है। वहीं एनालिस्ट्स के मुताबिक बाजार का मानना है कि तेल उत्पादक देशों का संगठन ओपेक+ समूह तेल उत्पादन में कटौती को उलट सकता है यानी की सप्लाई बढ़ सकती है जिससे इसकी कीमतों में नरमी आ सकती है। स्वतंत्र एनालिस्ट स्टीफन इनिस का कहना है कि ऑयल मार्केट में इस समय काफी उतार-चढ़ाव है। यह जियो-पॉलिटिकल टेंशन, ओपेक+ के रणनीतिक बदलाव और अपने सबसे ग्राहक चीन की धीमी गति के बीच फंसा हुआ है।
स्टॉक मार्केट की तेजी पर लगा ब्रेक
कच्चे तेल की तेजी ने भारत समेत दुनिया भर के स्टॉक मार्केट की तेजी पर ब्रेक लगा दिया। चार्ल्स स्वैब के स्ट्रैटेजिस्ट Joe Mazzola का कहना है कि वाल स्ट्रीट यानी अमेरिकी स्टॉक मार्केट इस समय जियोपॉलिटिकल और इनफ्लेशन से जुड़ी चिंताओं के बीच बढ़ते यील्ड, कच्चे तेल में तेजी और मजबूत डॉलर के चलते दबाव में है