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Suzlon Energy का शेयर 5% टूटकर लोअर सर्किट में, लगातार 8वें ट्रेडिंग सेशन में गिरावट

Suzlon Energy Stock Price: रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की कंपनी सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में 7 अक्टूबर को लगातार 8वें कारोबारी सेशन में गिरावट आई और लोअर सर्किट लग गया। बीएसई के डेटा के मुताबिक, पिछले एक सप्ताह में शेयर 11 प्रतिशत से ज्यादा कमजोर हुआ है। सुजलॉन का शेयर 7 अक्टूबर को बीएसई पर पिछले बंद भाव से 5 प्रतिशत लुढ़ककर 70.98 रुपये तक गया और लोअर सर्किट लग गया। कंपनी का मार्केट कैप 96,800 करोड़ रुपये पर आ गया है।

हाल ही में सुजलॉन एनर्जी को BSE और NSE से एडवायजरी कम वॉर्निंग लेटर मिला है। लेटर में कंपनी के इंडिपें​डेंट डायरेक्टर मार्क डेसेडेलेर के इस्तीफे के बाद कॉर्पोरेट गवर्नेंस प्रैक्टिसेज से जुड़ी चिंताओं पर रोशनी डाली गई। स्टॉक एक्सचेंजों ने इस बात पर जोर दिया है कि आगे चलकर गवर्नेंस मानकों का पालन न करने को गंभीरता से लिया जाएगा। इस लेटर पर सुजलॉन एनर्जी की ओर से कहा गया है कि यह एडवायजरी उसकी वित्तीय या परिचालन गतिविधियों को भौतिक रूप से प्रभावित नहीं करती है।

68 रुपये तक गिर सकती है सुजलॉन शेयर की कीमत

सुजलॉन एनर्जी के शेयर के हालिया प्रदर्शन ने चिंता बढ़ा दी है। शेयर अपने 5-डे, 10-डे, 20-डे, 30-डे और 50-डे सिंपल मूविंग एवरेजेस (SMAs) से नीचे कारोबार कर रहा है। रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) वर्तमान में 41.76 पर है, जो यह दर्शाता है कि स्टॉक ओवरसोल्ड जोन के करीब है। एनालिस्ट्स का मानना है कि सुजलॉन एनर्जी का शेयर नियर टर्म में 68 रुपये के लेवल तक गिर सकता है।

लार्ज-कैप स्टॉक के रूप में क्लासिफाई हो सकता है स्टॉक

नुवामा अल्टरनेटिव रिसर्च का अनुमान है कि फरवरी 2025 से एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की ओर से सुजलॉन एनर्जी को लार्ज-कैप स्टॉक के रूप में क्लासिफाई किया जाएगा। वर्तमान में शेयर 27,500 करोड़ रुपये की थ्रेसहोल्ड के बेसिस पर मिड-कैप स्टॉक के रूप में क्लासिफाई है। ब्रोकरेज ने कहा कि कंपनी से उम्मीद है कि वह संशोधित लार्ज-कैप कट-ऑफ को पूरा करेगी, जो वर्तमान एवरेज मार्केट-कैप लेवल्स के आधार पर 84,000 करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 1 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

सुजलॉन एनर्जी ने हाल ही में 1 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैप के साथ एंटीसिपेटेड लार्ज-कैप थ्रेसहोल्ड को पार कर लिया था। नुवामा की रिपोर्ट में कहा गया है कि रिक्लासिफिकेशन के बावजूद स्टॉक में नए निवेश की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि एक्टिव इक्विटी फंड मैनेजर, विभिन्न फंड कैटेगरीज में अपनी पोजिशंस को एडजस्ट करने के लिए AMFI की लिस्ट की लगातार नजर रखे हुए हैं।

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