स्विगी शॉर्क टैंक के चौथे सीजन का स्पॉन्सर बनने जा रही है। यह डील 25 करोड़ रुपये में होने जा रही है। स्विगी ने एक शर्त रखी है कि जोमैटो के फाउंडर और सीईओ दीपेंदर गोयल शॉर्ट टैक्स के चौथे सीजन में बतौर इनवेस्टर हिस्सा नहीं लेंगे। इस मामले से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी। स्विगी की इस शर्त से जोमैटो के साथ उसकी बढ़ती प्रतिस्पर्धा का पता चलता है। फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी में दोनों कंपनियों के बीच एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ है। कुछ साल पहले तक दोनों की बाजार हिस्सेदारी करीब बराबर थी। लेकिन, जोमैटो अब दोनों ही बिजनेस में स्विगी से काफी आगे निकल गई है।
Swiggy ने ब्रांड को स्ट्रॉन्ग बनाने पर बढ़ाया फोकस
Swiggy ने सेबी के पास फाइल किए गए अपने अपडेटेड ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस में कहा था कि आईपीओ से जुटाने जाने वाली 3,750 करोड़ रुपये में से 950 करोड़ रुपये का इस्तेमाल वह ब्रांड मार्केटिंग और अवेयरनेस के लिए करेगी। इसकी वजह यह है कि कंपनी अपनी सेवाओं की पहुंच बढ़ाना चाहती है। वह ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को अपनी सेवाओं के दायरे में लाना चाहती है। इस बारे में पूछे गए सवालों के जवाब Swiggy, Zomato और Sony Television ने नहीं दिए।
शॉर्ट टैंक के तीसरे सीजन में बतौर इनवेस्टर आए थे दीपेंदर गोयल
शॉर्ट टैक्स इंडिया प्रोग्राम सोनी टेलीविजन चैनल पर आता है। इसके चौथे सीजन की शूटिंग शुरू हो गई है। इस सीजन में पीपल ग्रुप के अनुपम मित्तल, बोट लाइफस्टाइल के अमन गुप्ता, एमक्योर फार्मा की नमिता थापर, लेंसकार्ट के पीयूष बंसल और ओयो के रीतेश अग्रवाल मौजूद रहेंगे। दीपेंदर गोयल पहली बार शॉर्क टैंक के तीसरे सीजन में बतौर इनवेस्टर मौजूद थे। उन्होंने कंपनियों के फाउंडर्स से जिस तरह से सवाल पूछे थे और खुलकर बातचीत की थी, उससे उनकी काफी तारीफ हुई थी।
जोमैटो का आईपीओ करीब तीन साल पहले आया था
बताया जाता है कि दीपेंदर गोयल को शॉर्ट टैंक के चौथे सीजन का हिस्सा नहीं बनाने की स्विगी की शर्त की वजह उसका आईपीओ हो सकता है। जोमैटो ने करीब तीन साल पहले आईपीओ पेश किया था। उसके बाद उसके शेयरों में अच्छी तेजी दिखी है। पिछले कुछ हफ्तों में इसके स्टॉक्स में अच्छी तेजी आई है। इससे इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन बढ़कर 30 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया है। ऐसे में निवेशकों की नजरें स्विगी के आईपीओ पर लगी हैं। स्विगी के आईपीओ को भी निवेशकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिलने की उम्मीद है।
स्विगी के आईपीओ में ओएफएस भी होगा
स्विगी ने सेबी के पास अपना पहला ड्राफ्ट 26 सितंबर को फाइल किया था। उसके बाद उसने एक संधोधित ड्राफ्ट फाइल किया। कंपनी 3,750 करोड़ रुपये मूल्य के नए शेयर जारी करेगी। ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत 18.53 करोड़ शेयर बेचे जाएंगे। अगर एक शेयर की कीमत 350 रुपये मान ली जाए तो ओएफएस के तहत बेचे जाने शेयरों की कुल कीमत 6,500 करोड़ रुपये हो सकती है। स्विगी के बोर्ड की ईजीएम 3 अक्टूबर को हुई थी, इसमें शेयरहोल्डर्स ने आईपीओ के तहत प्राइमरी इश्यू का साइज बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।