चीन के शेयर बाजार में तेजी के बाद दुनिया भर के निवेशक इस बाजार का रुख कर रहे हैं। हालांकि फंड मैनेजर राजीव जैन इससे सहमत नहीं है। टॉप परफॉर्मिंग फंड GQG पार्टनर्स इमर्जिंग मार्केट्स इक्विटी फंड के मैनेजर जैन ने फंड का 12 पर्सेंट हिस्सा चाइनीज स्टॉक में निवेश कर रखा है। चीन के शेयर बाजार में तेजी के बावजूद जैन इसको लेकर बहुत उत्साहित नहीं हैं। उनका मानना है कि यह तेजी सीमित अवधि के लिए है।
जैन के मुताबिक, यह तेजी चीन में 2022 में कोविड संबंधी पाबंदियां हटाए जाने के बाद वहां के शेयर बाजार में आई बढ़त जैसी है। उन्होंने कहा कि 2022 के आखिर में बिजनेस को खोले जाने के मद्देनजर यह तेजी देखने को मिली है। हालांकि, यह तेजी कुछ महीने के अंदर गायब हो गई। चीन में इकोनॉमिक रिकवरी के मोर्चे पर निराशाजनक प्रदर्शन की वजह से ऐसा हुआ।
जैन ने कहा, ‘पिछले 3 साल में हमें कितनी बार ऐसे मौके देखने को मिले हैं, जब सीमित अवधि के लिए तेजी आई और फिर गायब हो गई।’ हालांकि, जैन की राय से बाकी मैनेजर सहमत नजर नहीं आ रहे हैं। गोल्डमैन सैक्स ग्रुप के हेज फंड क्लाइंट्स ने चीन के स्टॉक मार्केट में साप्ताहिक आधार पर जमकर खरीदारी की है। क्रेनशेयर्स CSI चाइना इंटरनेट फंड में अक्टूबर को 70 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ, जो इस एक्सचेंज ट्रेडेड फंड की शुरुआत के बाद से सबसे बड़ा निवेश है।
जैन का कहना है कि चीन में मौजूदा राहत पैकेज (ब्याज दर में कटौती समेत) से इकोनॉमिक सेंटीमेंट को बढ़ावा मिला है और स्टॉक मार्केट में ज्यादा लिक्विडिटी के लिए भी गुंजाइश बढ़ी है। उन्होंने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को देश के संकटग्रस्त हाउसिंग मार्केट से भी निपटने की जरूरत है। जानकारों के मुताबिक, चीन में बिना बिके घरों को डिवेलपर्स से खरीदने और उसे अफोर्डेबल हाउसिंग में तब्दील करने के लिए 5 लाख करोड़ युआन (712 अरब डॉलर) की जरूरत होगी। जैन ने कहा, ‘आप रियल एस्टेट सेक्टर में कैसे स्थिरता सुनिश्चित करेंगे?’