साल 1897 में देश आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था तो स्वदेशी आंदोलन की सुगबुगाहट भी जोर पकड़ने लगी थी। इस माहौल के बीच एक वकील ने अपना कुछ कारोबार शुरू करने की ठान ली, जिसके जरिए अंग्रेजों को सांकेतिक तौर पर जवाब दिया जा सके। ये वकील अर्देशिर गोदरेज थे। पहले कुछ छोटे-मोटे कारोबार में असफल रहने के बाद अर्देशिर गोदरेज ने ताले के बिजनेस में हाथ आजमाया।
ये वो वक्त था जब भारत में ताले इंग्लैंड से आते थे लेकिन ये बेहद कमजोर होते थे। इस कमी की पहचान करने के बाद अर्देशिर ने ताले के बिजनेस को कुछ इस तरह संवारा कि यह गोदरेज की पहचान बन गई। ताले के बिजनेस की सफलता के बाद अर्देशिर गोदरेज को पंख लग गए और उन्होंने नए-नए कारोबार में प्रयोग करने शुरू कर दिए। खासतौर पर उन प्रोडक्ट पर अर्देशिर गोदरेज ने फोकस किया जो रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होते हैं। उनका जोर स्वेदशी प्रोडक्ट पर भी था, इसी वजह से साल 1918 में अर्देशिर ने
दुनिया की पहला वेज-शॉप चावी लॉन्च किया। इस साबुन को रवीन्द्रनाथ टैगोर और एनी बेसेंट जैसे दिग्गजों ने समर्थन दिया। इसके बाद गोदरेज समूह ने अलग-अलग कारोबार में हाथ आजमाया। आज गोदरेज समूह फर्नीचर से लेकर लॉकर, कंज्यूमर प्रोडक्ट्स या रियल एस्टेट तक के बिजनेस में लीडर की भूमिका में है।
किस-किस कारोबार में गोदरेज का दबदबा
गोदरेज का कारोबार फर्नीचर, फर्निशिंग एंड फिटिंग के अलावा लॉक्स एंड सिक्योरिटीज सॉल्यूशन, रियल एस्टेट, केमिकल्स, जनरल एंड हेवी इंजीनियरिंग, होम एंड पर्सनल केयर इंट्रा-लॉजिस्टिक, पावर और एनर्जी सेक्टर में फैला हुआ है। गोदरेज समूह का दबदबा इंफ्रास्ट्रक्चर, एयरोस्पेस, फूड एंड एग्री, आईटी और फाइनेंशियल सर्विसेज में भी है।
गोदरेज समूह की कंपनियां
समूह की वेबसाइट के मुताबिक इसके बास्केट में गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोदरेज प्रॉपर्टीज, गोदरेज एग्रोवेट, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, गोदरेज इंफोटेक, गोदरेज कैपिटल के अलावा गोदरेज & Boyce और गोदरेज Koerber है।
अब क्यों हो रही चर्चा
127 साल पुराने गोदरेज समूह के संस्थापक परिवार ने समूह को विभाजित करने के लिए एक समझौता किया है। इस समझौते के तहत आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर को गोदरेज इंडस्ट्रीज का अधिकार मिला है, जिसकी पांच सूचीबद्ध कंपनियां हैं। आदि गोदरेज के चचेरे भाई-बहन जमशेद और स्मिता को गैर-सूचीबद्ध कंपनी गोदरेज एंड बॉयस और उससे संबंधित कंपनियों के साथ-साथ मुंबई में प्रॉपर्टी सहित बड़ा लैंड पार्सल मिल रहा है।
गोदरेज समूह द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक समूह को संस्थापक परिवार की दो शाखाओं के बीच विभाजित किया गया है। इसमें एक तरफ आदि गोदरेज (82) और उनके भाई नादिर (73) तथा दूसरी तरफ उनके चचेरे भाई-बहन जमशेद गोदरेज (75) और स्मिता गोदरेज कृष्णा (74) हैं। दोनों समूह गोदरेज ब्रांड का उपयोग जारी रखेंगे। बता दें कि गोदरेज समूह में प्रमोटर की लगभग 23 प्रतिशत हिस्सेदारी उन ट्रस्टों में है जो पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश करते हैं।