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SEBI के नए नियमों पर ब्रोकिंग फर्मों का मिला-जुला रुझान, कुछ में आई 4% की गिरावट तो कुछ में 7% का उछाल

Broking Stocks: बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने इंडेक्स डेरिवेटिव्स के लिए नया फ्रेमवर्क लाया है। छोटे निवेशकों के आर्थिक हित और मार्केट में स्थिरता बढ़ाने के लिए ये नियम अगले महीने 20 नवंबर से लागू होंगे। इसका कुछ ब्रोकिंग कंपनियों को तगड़ा झटका लगा है और उनके शेयर आज 4% तक टूट गए। हालांकि कुछ ब्रोकिंग स्टॉक्स ऐसे भी हैं जो 7 फीसदी से अधिक उछल गए। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज, IIFL सिक्योरिटीज, नुवामा वेल्थ, शेयर इंडिया, मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल, एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज और आदित्य बिड़ला मनी के शेयर 4 फीसदी तक टूट गए। वहीं दूसरी तरफ एमकाय ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज और एंजेल वन के शेयर 7 फीसदी तक उछल गए।

SEBI ने क्या बदलाव किया?

सेबी के नए नियमों के मुताबिक हर एक्सचेंज पर सिर्फ एक ही दिन वीकली एक्सपायरी होगी। अभी हफ्ते में कई दिन एक्सपायरी के चलते मार्केट में वोलैटिलिटी काफी अधिक हो जाती है और एक्सपायरी के दिन तो भारी उतार-चढ़ाव होता है। इसके अलावा सेबी ने डेरिवेटिव्स के लिए ट्रेडिंग के लिए न्यूनतम राशि की सीमा को 5-10 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया है जिसे फिर 20 लाख रुपये किया जाएगा और इसी के हिसाब से ही लॉट साइज फिक्स किया जाएगा।

 

Jefferies का क्या है रुझान?

वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज का कहना है कि सेबी ने जो नियम तय किए हैं, वह इससे पहले विचार-विमर्श के लिए पेश किए गए पेपर से काफी मिलता-जुलता है। इससे प्रीमियम पर करीब 35 फीसदी असर पड़ेगा। ब्रोकरेज का कहना है कि सेबी के नए नियम 3-6 महीने में चरणबद्ध तरीके से लागू होगा और इससे मार्केट में काफी सख्ती आएगी लेकिन संतुलित। जेफरीज का मानना है कि सेबी के नए नियमों से सबसे अधिक डिस्काउंट ब्रोकर्स प्रभावित होंगे और फिर बीएसई जैसे एक्सचेंज पर भी असर दिखेगा।

 

डिस्क्लेमर: दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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