Tata Motors News: टाटा ग्रुप की मोटर कंपनी टाटा मोटर्स के लिए सितंबर महीना खास नहीं रहा और घरेलू मार्केट में इसकी बिक्री 15 फीसदी गिर गई। हालांकि मासिक आधार पर इसमें 0.4 फीसदी की तेजी आई है। कंपनी ने मंगलवार 1 अक्टूबर को बिक्री से जुड़े आंकड़े जारी किए। कंपनी ने संकेत दिया है कि सुस्त कंज्यूमर डिमांड और सीजनल फैक्टर के चलते ही सेल्स में गिरावट आई है। हैवी कॉमर्शिल सेगमेंट को इंफ्रा प्रोजेक्ट में सुस्ती और माइनिंग एक्टिविटी में गिरावट के चलते झटका लगा। हालांकि कंपनी का मानना है कि इसमें धीरे-धीरे सुधार आ सकता है क्योंकि फर्स्ट-टाइम यूजर फाइनेंसिंग से जुड़ी चुनौतियों से निपटने की कोशिश की जा रही है
Tata Motors Sales: क्या हैं आंकड़े
पिछले महीने कंपनी ने देश में 69,694 गाड़ियां बेचीं जबकि पिछले साल सितंबर 2023 में यह आंकड़ा 82,023 यूनिट्स पर था। कंपनी की इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बिक्री पर भी असर पड़ा है। टाटा मोटर्स ने सितंबर महीने में 4,680 EVs बेचे, जबकि पिछले साल के समान महीने में कंपनी ने 6,050 गाड़ियां बेची थी। इसका मतलब है कि कंपनी ने सालाना आधार पर 23 फीसदी कम और अगस्त 2024 की तुलना में 21 फीसदी कम इलेक्ट्रिकल वीइकल्स बेचे। सितंबर तिमाही में कॉमर्शियल वीईकल्स की डोमेस्टिक सेल्स 79,931 यूनिट्स रही जो सालाना आधार पर 19 फीसदी कम है।
इस कारण EV की बिक्री में आई गिरावट
टाटा मोटर्स का कहना है कि अहम राज्यों में रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन पर टैक्स में छूट खत्म होने के चलते ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री कम हुई। इसके अलावा FAME II की समाप्ति और पीएम-ईड्राइव स्कीम में फ्लीट सेगमेंट के शामिल नहीं होने के चलते भी इलेक्ट्रिक वीइकल्स की बिक्री पर निगेटिव असर पड़ा।
अब आगे क्या है रुझान?
टाटा मोटर्स के एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर गिरीश वाघ का कहना है कि इंफ्रा प्रोजेक्ट के एग्जेक्यूशन में सुस्ती, माइनिंग एक्टिविटी में गिरावट और भारी बारिश के चलते फ्लीट यूटिलाइजेशन में ओवरऑल गिरावट के चलते हैवी कॉमर्शियल वीईकल्स (HCV) सेगमेंट में सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर 25 फीसदी की गिरावट रही और इंटरमीडिएट लाइट कॉमर्शियल वीईकल्स (ILCV) सेगमेंट में 11 फीसदी की गिरावट आई। वहीं पैसेंजर कॉमर्शियल वीईकल्स के बिजनेस में सितंबर तिमाही में 3 फीसदी की सालाना ग्रोथ दिखी। इस दौरान SCVPU के वॉल्यूम में सालाना आधार पर 25 फीसदी की गिरावट आई। अब दिसंबर तिमाही में कैसा रहेगा, इस पर गिरीश का कहना है कि बारिश के जाने के बाद इंफ्रा पर खर्च बढ़ेगा और फेस्टिव सीजन भी माहौल बनाएगा जिससे सेल्स को सपोर्ट मिलेगा।