वैश्विक घटनाक्रम से चिंतित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा भारी बिकवाली किए जाने के कारण भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई। बेंचमार्क सूचकांकों में करीब दो महीनों में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
चीन के बाजारों में जबरदस्त उछाल के मद्देनजर आशंका जताई जाने लगी कि विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से चीन की ओर रुख कर रहे हैं जहां मूल्यांकन अन्य उभरते बाजारों के मुकाबले लगभग दोगुना है। इसके अलावा लेबनान पर इजरायल के हमलों के बाद पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और जापानी बाजारों में गिरावट ने भी धारणा को प्रभावित किया।
विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार नियामक सेबी द्वारा डेरिवेटिव ट्रेडिंग मानदंड सख्त किए जाने से पहले निवेशक घबराए हुए थे।
एफपीआई ने सोमवार को देसी बाजारों से करीब 10,000 करोड़ रुपये निकाले। सेंसेक्स 1,272 अंक यानी 1.5 फीसदी की गिरावट के साथ 84,300 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 50 सूचकांक भी 368 अंक यानी 1.4 फीसदी की गिरावट के साथ 25,811 अंक पर बंद हुआ। यह
5 अगस्त के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। बीएसई में सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण 3.6 लाख करोड़ रुपये घटकर 474 लाख करोड़ रुपये रह गया।
वैश्विक चिंता में लुढ़का बाजार
विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले सप्ताह चीन द्वारा घोषित प्रोत्साहन और उसके बाद शेयरों में तेजी ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। मोबियस इन्वेस्टमेंट्स के संस्थापक एवं सीईओ मार्क मोबियस ने अपने कहा है, ‘प्रोत्साहन के कारण बाजार ने जबरदस्त वापसी की है। प्रोत्साहन उपायों के व्यापक दायरे ने बाजारों में आत्मविश्वास पैदा किया है। बाहर निकलने का इंतजार कर रहे तमाम निवेशकों ने इस अवसर का लाभ उठाया है। उन्हें मौका चूक जाने का डर था क्योंकि मूल्यांकन काफी सस्ता था।’
बेंचमार्क निफ्टी एक साल के फॉरवर्ड प्राइस टू अर्निंग (पीई) 21.5 पर कारोबार कर रहा है, जबकि चीन का हैंग सेंग 9.4 पर और शांघाई कंपोजिट 11.5 पर कारोबार कर रहे हैं। बीजिंग द्वारा प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा किए जाने के बाद सोमवार को हैंग सेंग में 2.4 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई जबकि शांघाई कंपोजिट सूचकांक में 8.06 फीसदी की बढ़त रही।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यू आर भट ने कहा कि एफपीआई भारत से फायदा उठाकर चीन में निवेश कर रहे हैं।
जापान के बाजार में 5 फीसदी की गिरावट उस समय आई जब मौद्रिक नीति के मामले में आक्रामक रुख रखने वाले शिगेरु इशिबा वहां के प्रधानमंत्री बन गए हैं। इजराइल द्वारा बेरुत में हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ गया है।
पिछले सप्ताह तक घरेलू बाजार अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर पर कारोबार कर रहा था और वह अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में 50 आधार अंकों की कटौती से उत्साहित था। मगर आज के कारोबार के दौरान 2,306 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि 1,749 शेयरों में बढ़त दर्ज की गई। पांच को छोड़कर सेंसेक्स के सभी शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। रिलायंस इंडस्ट्रीज में 3.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और गिरावट में उसका सबसे बड़ा योगदान रहा।