Indian Oil Rights Issue: सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनी इंडियन ऑयल अब 22,000 करोड़ रुपये का राइट्स इश्यू लेकर नहीं आएगी। कंपनी ने इस प्रस्ताव को वापस ले लिया है। इंडियन ऑयल ने शेयर बाजारों को बताया है कि कंपनी के बोर्ड की 30 सितंबर को हुई मीटिंग में इक्विटी शेयरों के प्रस्तावित राइट्स इश्यू को विदड्रॉ कर लिया गया है। इंडियन ऑयल के बोर्ड ने जुलाई 2023 में राइट्स इश्यू में इक्विटी शेयर जारी कर 22000 करोड़ रुपये जुटाने को मंजूरी दी थी।
कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय ने सूचना दी है कि बजट 2024-25 में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) के लिए कैपिटल सपोर्ट को लेकर फंड एलोकेट नहीं किया गया है। भारत सरकार इंडियन ऑयल की प्रमोटर है। इसलिए सरकार की ओर से राइट्स इश्यू में भाग न लेने के मद्देनजर कंपनी के बोर्ड ने 30 सितंबर की मीटिंग में प्रस्तावित राइट्स इश्यू को वापस लेने का फैसला लिया है।
इंडियन ऑयल में सरकार के पास 51.50% हिस्सेदारी
जून 2024 के आखिर तक इंडियन ऑयल में सरकार के पास 51.50 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। कंपनी का मार्केट कैप 2.54 लाख करोड़ रुपये है। एक साल में शेयर की कीमत लगभग दोगुनी हो चुकी है। साल 2024 में अब तक शेयर 38 प्रतिशत मजबूत हुआ है। शेयर की कीमत 30 सितंबर को फ्लैट ट्रेड के साथ 179.85 रुपये पर है।