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Defence Sector Outlook: डिफेंस सेक्टर फिर बरसाएगा पैसा? एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?

Defence Sector Outlook: एक साल में डिफेंस सेक्टर ने सबसे बेहतर परफॉर्म किया है लेकिन एक महीने के टाइमफ्रेम में इसने सबसे बुरा रिटर्न दिया है। इससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है कि क्या यह फिर से सरपट भागेगा या इसकी तेजी चुक चुकी है। इंस्टीट्यूशनल लेवल पर बात करें तो इस सेक्टर पर दांव लगाने वाले तीन पैसिव फंड हाल ही में आए हैं। अगस्त 2024 में मोतीलाल ओसवाल निफ्टी इंडिया डिफेंस ईटीएफ, मोतीलाल ओस्वाल निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स फंड और आदित्य बिड़ला सन लाइफ निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स फंड लॉन्च हुआ था। वैसे एचडीएफसी डिफेंस फंड इस कैटेगरी में एकमात्र एक्टिव फंड है। अब NFO (न्यू फंड ऑफरिंग की बात करें तो ग्रो निफ्टी इंडिया डिफेंस ईटीएफ और एफओएफ सब्सक्रिप्शन के लिए खुला है और 4 अक्टूबर को यह बंद होगा।

म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की नई थीम है डिफेंस

डिफेंस म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की नई थीम है और इसमें अभी सिर्फ चार ही फंड हैं। सभी चार फंडों का बेंचमार्क निफ्टी इंडिया बेंचमार्क इंडेक्स है। इस इंडेक्स में उन कंपनियों के स्टॉक्स हैं जिन्हें कम से कम 10 फीसदी रेवेन्यू डिफेंस सेगमेंट से मिलता हो और हर स्टॉक का अधिकतम वेटेज 20 फीसदी हो सकता है। अगस्त के आखिरी तक के आंकड़ों के मुताबिक इसमें 15 स्टॉक्स हैं जिसमें वेटेज के हिसाब से टॉप 5 स्टॉक्स भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (20.22 फीसदी वेटेज), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (18.23 फीसदी), सोलर इंडस्ट्रीज (15.79 फीसदी), कोचीन शिपयार्ड (8.07 फीसदी) और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (7.73 फीसदी) हैं।

निवेशक को लेकर क्या है पॉजिटिव?

ग्रो म्यूचुअल फंड के मुताबिक भारतीय डिफेंस सेक्टर वित्त वर्ष 2029 का प्रोडक्शन 3 ट्रिलियन यानी 3 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य के चलते बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2024 से वित्त वर्ष 2032 के दौरान इसमें 13.8 हजार करोड़ डॉलर का निवेश आ सकता है। इसके अलावा सरकार ने वित्त वर्ष 2029 तक 50,000 करोड़ रुपये के डिफेंस एक्सपोर्ट का लक्ष्य तय किया है।

इस सेक्टर को आत्मनिर्भर भारत की मुहिम और बढ़ते बजट एलोकेशन से सपोर्ट मिल रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में इस सेक्टर के लिए बजट में 6.22 ट्रिलियन यानी 6.22 लाख करोड़ रुपये अलॉट किए गए हैं। ग्रो म्यूचुअल फंड के सीईओ वरुण गुप्ता के मुताबिक डिफेंस सेक्टर की सभी कंपनियां दमदार हैं। इन कंपनियों का ऑर्डर बुक मजबूत है। इसके अलावा 2018 से इस क्षेत्र की कंपनियों का रेवेन्यू 9 फीसदी बढ़ा है, और लाभ लगातार 20 फीसदी बढ़ा है। 2018 तक इस सेक्टर केवल छह लिस्टेड कंपनियां थीं जो अब 20 के पार हो गई हैं।

डिफेंस सेक्टर में निवेश के लिए क्या हैं निगेटिव?

निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स एक साल में 106.18 फीसदी उछला है लेकिन एक महीने में 5.19 फीसदी गिरा है। इसके अलावा इस इंडेक्स का वैल्यूएशन बहुत कम समय में तेज़ी से बढ़ा है। इंडेक्स का प्राइस-टू-अर्निंग (P/E) रेश्यो वर्ष 2022 में लगभग 22 था, और कुछ महीनों पहले 70 तक पहुंच गया था। हालांकि हालिया गिरावट के चलते अगस्त के अंत में PE 57 पर आ गया। इस इंडेक्स के खिलाफ एक और प्वाइंट ये है कि इसमें शामिल होने के लिए योग्य कंपनियों की संख्या कम है। इसके अलावा इंडेक्स में सिर्फ तीन ही कंपनियों का दबदबा है और इनका वेटेज करीब 55 फीसदी है। ओमनीसाइंस कैपिटल के सीईओ और स्मॉलकेस मैनेजर विकास गुप्ता का कहना है कि निवेश के दायरे को नॉन-कंवेंशनल प्रॉक्सी डिफेंस और इस प्रकार की अन्य कंपनियों तक बढ़ाने की जरूरत ताकि अंडरवैल्यूएड कंपनियों को खोजा जा सके।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

डिफेंस सेक्टर तेजी से ग्रो कर रहा है लेकिन इस सेक्टर से जुड़े निफ्टी इंडेक्स के साथ कई किंतु-परंतु जुड़ गए हैं। अब ऐसे में एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसमें रिस्क को समझकर ही पैसे लगाएं और एंट्री-एग्जिट प्वाइंट का ख्याल रखें। इसके अलावा एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि अपने पोर्टफोलियो के 5-10 फीसदी से अधिक किसी एक खास थीम को एलोकेट नहीं करना चाहिए। डिफेंस सेक्टर में अपने रिस्क के हिसाब से पैसे लगाएं क्योंकि यह काफी वोलेटाइल सेक्टर है। जो निवेशक कम रिस्क सकते हैं, उन्हें फ्लेक्सीकैप या मल्टीकैप में निवेश पर विचार करना चाहिए

डिस्क्लेमर: stock market news पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को stock market news की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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