कलकत्ता हाईकोर्ट ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के पक्ष में फैसला सुनाया है। यह फैसला दामोदर घाटी निगम (DVC) के साथ 780 करोड़ रुपये के आर्बिट्रेशन विवाद में आया है। अनिल अंबानी की कंपनी ने शेयर बाजार को यह जानकारी दी। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और DVC के बीच 780 करोड़ रुपये का विवाद था। यह मामला आर्बिट्रेशन के लिए गया था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने आर्बिट्रेशन ट्राइब्यूनल के फैसले को बरकरार रखा है।
एक दशक से भी अधिक समय पहले रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में 3,750 करोड़ रुपये में 1,200 मेगावाट का ताप विद्युत संयंत्र स्थापित करने का ठेका मिला था। विवादों और अन्य कारणों से परियोजना में देरी हुई। इसके कारण DVC ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर से हर्जाना मांगा। हालांकि, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने इसे चुनौती दी।
फिर 2019 में एक आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया। उसने DVC को कंपनी को 896 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया। DVC ने आर्बिट्रेशन ट्राइब्यूनल के आदेश को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी। इसे अदालत ने खारिज कर दिया।
कानूनी सलाह के आधार पर आगे बढ़ेगी कंपनी
कंपनी ने कहा कि अदालत ने आवंटन-पूर्व ब्याज राहत और बैंक गारंटी पर ब्याज में कमी यानी 181 करोड़ रुपये की राशि को छोड़कर आर्बिट्रेशन के फैसले को बरकरार रखा। यह अर्जित ब्याज सहित कुल 780 करोड़ रुपये बनता है। इसके अलावा, 600 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भी जारी की जाएगी। रिलायंस इन्फ्रा ने कहा कि वह फिलहाल फैसले की विस्तृत समीक्षा कर रही है। कानूनी सलाह के आधार पर या तो फैसले को लागू करने के लिए आगे बढ़ेगी या 27 सितंबर 2024 के फैसले को चुनौती देगी।