अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Reliance Infrastructure) ने कलकत्ता हाई कोर्ट में पश्चिम बंगाल स्थित दामोदर वैली कॉर्प (DVC) के खिलाफ 780 करोड़ रुपये का आर्बिट्रेशन केस जीत लिया है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने विवाद में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के पक्ष में मध्यस्थता फैसले को बरकरार रखा है। इस बारे में कंपनी ने शेयर बाजार को जानकारी दी है। एक दशक से भी अधिक समय पहले रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में 3,750 करोड़ रुपये में 1,200 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए ठेका मिला था।
विवादों और अन्य कारणों से प्रोजेक्ट में देरी हुई, जिसके कारण DVC ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर से हर्जाना मांगा। लेकिन रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने इसे चुनौती दी और 2019 में एक आर्बिट्रेशन ट्राइब्यूनल यानि कि मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया। साथ ही DVC को रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को 896 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया। इसके बाद DVC ने आर्बिट्रेशन ट्राइब्यूनल के आदेश को कलकत्ता हाई कोर्ट में चुनौती दी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने भुगतान की जाने वाली राशि घटाई
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा है कि कलकत्ता हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने रघुनाथपुर थर्मल पावर प्लांट मामले में 27 सितंबर, 2024 को कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया। दामोदर वैली कॉर्प ने मध्यस्थता फैसले को धारा 34 के तहत चुनौती दी थी। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने कहा कि अदालत ने प्री-अवॉर्ड इंट्रेस्ट पर राहत और बैंक गारंटी पर ब्याज में कमी यानि 181 करोड़ रुपये की राशि को छोड़कर मध्यस्थता फैसले को बरकरार रखा, जो अर्जित ब्याज सहित कुल 780 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, 600 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भी रिलीज की जाएगी।
कंपनी ने कहा कि वह वर्तमान में फैसले का डिटेल में रिव्यू कर रही है और कानूनी सलाह के आधार पर या तो फैसले को लागू करने के लिए आगे बढ़ेगी या 27 सितंबर, 2024 के फैसले को चुनौती देगी, जिसमें मध्यस्थता फैसले में हस्तक्षेप हुआ है।