Stock market : 27 सितंबर को भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों में गिरावट देखने को मिली और निफ्टी 26,200 के नीचे बंद हुआ। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक सपाट बंद हुए। पावर ग्रिड कॉर्प, भारती एयरटेल, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, हीरो मोटोकॉर्प निफ्टी के टॉप लूजर रहे। जबकि बीपीसीएल, सिप्ला, सन फार्मा, कोल इंडिया और बजाज फिनसर्व निफ्टी के टॉप गेनर रहे। सेक्टोरल इंडेक्सों में मिलाजुला रुख देखने को मिला। ऑटो, मेटल, आईटी, फार्मा, तेल और गैस में 0.5-1 फीसदी की तेजी दर्ज की गई, जबकि रियल्टी, बैंक, मीडिया, एफएमसीजी टेलीकॉम सूचकांकों में 0.5-1 फीसदी की गिरावट रही।
कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 264.27 अंक या 0.31 फीसदी की गिरावट के साथ 85,571.85 पर और निफ्टी 37 अंक या 0.14 फीसदी की गिरावट के साथ 26,179 पर बंद हुआ। लगभग 1900 शेयरों में तेजी आई, 1878 शेयरों में गिरावट आई और 111 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
30 सितंबर को कैसी रह सकती है बाजार की चाल
मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि शुरुआती कारोबार में बेंचमार्क इंडेक्सों के नए ऑलटाइम हाई पर पहुंचने के बाद निवेशक अमेरिका के महंगाई आंकड़ों के आने से पहले सतर्क हो गए और बैंकिंग, रियल्टी और पावर शेयरों में मुनाफावसूली आई। इससे बाजारों में 2 दिन की बढ़त का क्रम टूट गया। कमजोर एशियाई संकेतों ने भी सेंटीमेंट खराब किया। हालांकि, मजबूत फंड प्रवाह के चलते बाजार में तेजी का रुख रहा। मेटल, तेल-गैस तथा ऑटो शेयरों में बढ़त ने इंडेक्सों को अपने नुकसान को कम करने में मदद की और ये अपने निचले स्तरों से सुधर कर बंद हुए।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वी के विजयकुमार ने कहा कि इस महीने चीन और हांगकांग का बेहतर प्रदर्शन एक बड़ा ग्लोबल मार्केट ट्रेंड है। उम्मीद है कि चीन आया प्रोत्साहन पैक्ज चीन की अर्थव्यवस्था और इन बाजारों में वैल्युएशन में सुधार करेगा, जहां भाव अभी सस्ते हैं। इसलिए, यह संभव है कि एफआईआई भारत में फिर से बिकवाली करते दिखें। जिससे की बिकवाली से मिले पैसे को विशेष रूप से हांगकांग बाजार में लगाया जा सके।
वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज में इक्विटी स्ट्रैटेजी की निदेशक क्रांती बाथिनी ने कहा कि हमें विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व में बदलाव दिखा है जो कि तेजी के बाजार का एक खास संकेत है। उन्होंने मनीकंट्रोल से आगे कहा कि मजबूत लिक्विडिटी सभी सेक्टरों में बदलाव ला रही है और नेतृत्व में यह बदलाव एक स्वस्थ बाजार का संकेत है।
5paisa के रुचित जैन ने कहा कि आगे बाजार का फोकस, विशेष रूप से अमेरिका और चीन में दरों में कटौती के मद्देनजर, आगामी RBI नीति पर रहेगा। भारत की ग्रोथ और महंगाई वर्तमान में स्थिर है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि RBI दरों में कटौती के साथ आगे बढ़ता है या नहीं।
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