स्पॉट सिल्वर की कीमत 26 सितंबर को तकरीबन 12 साल के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई। सिल्वर 1.3 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 32.24 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जो दिसंबर 2012 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। दिसंबर 2012 में चांदी 32.71 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई थी। प्रमुख सेंट्रल बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कमी के बाद इस धातु में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है।
एक कमोडिटी एक्सपर्ट ने बताया, ‘ब्याज दरों में कटौती और चीन का राहत पैकेज कुछ समय के लिए जारी रहने की वजह से आने वाली तिमाहियों के दौरान चांदी में तेजी का सिलसिला जारी रहेगा।’ एक्सपर्ट के मुताबिक, चांदी 37 डॉलर के लेवल तक पहुंच सकती है। चांदी में इस साल अब तक 35% से भी ज्यादा तेजी देखने को मिली है। यह न सिर्फ सुरक्षित निवेश है, बल्कि औद्योगिक गतिविधियों में इस्तेमाल की जाने वाली प्रमुख सामग्री है।
विज्डमट्री (WisdomTree) की मैक्रोइकोनॉमिक रिसर्च इकाई में रिसर्च डायरेक्टर अनीका गुप्ता ने बताया, ‘चांदी में तेजी की एक प्रमुख वजह सोना भी है, क्योंकि दोनों के बीच मजबूत संबंध है। चांदी में तेजी के साथ सोने-चांदी की कीमतों से जुड़ा अनुपात कम हुआ है। चांदी की बाकी मांग इंडस्ट्रियल सेक्टर पर आधारित है। गुप्ता के मुताबिक, सोलर पैनल जैसे प्रोडक्ट्स में चांदी की मांग पिछले साल के मुकाबले दोगुनी हो गई है। स्पॉट गोल्ड 0.5 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 2,668.81 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जबकि कारोबार के दौरान 2,685.42 डॉलर के रिकॉर्ड हाई पर भी पहुंच गया था। दिसंबर डिलीवरी का अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स 0.3 पर्सेंट बढ़कर 2,691.60 डॉलर पर पहुंच गया। इस बुलियन में 2024 में अब तक 29% से भी ज्यादा की बढ़ोतरी रही है।