डोमेस्टिक फार्मास्युटिकल फर्म एल्केम लैब्स नोवार्टिस एजी (Novartis AG) की इंडियन यूनिट के अधिग्रहण के लिए बातचीत कर रही है। सीएनबीसी-टीवी-18 ने आज 26 सितंबर को यह जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक इस डील का कुल मूल्य करीब 2000 करोड़ रुपये होने की संभावना है। इस बीच एल्केम लैब्स के शेयरों में आज 0.37 फीसदी की गिरावट देखी गई। यह स्टॉक BSE पर 6202.05 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। कंपनी का मार्केट कैप 74,154 करोड़ रुपये है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि डॉ रेड्डीज और जायडस सहित अन्य फार्मा कंपनियां भी भारतीय सब्सिडियरी कंपनी को खरीदने की दौड़ में हैं। एल्केम लैब्स देश की पांचवीं सबसे बड़ी फार्मा कंपनी है, जो एंटी इंफेक्टिव ड्रग्स, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और पेन मैनेजमेंट दवाओं के साथ-साथ सप्लीमेंट्स के क्षेत्र में दबदबा रखती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक मुंबई स्थित कंपनी ने नॉन-बाइंडिंग बोलियां प्रस्तुत की हैं और इस पर एडवांस स्टेज की बातचीत जारी हैं।
इस साल फरवरी में स्विस फार्मास्युटिकल कंपनी ने अपनी सब्सिडियरी कंपनी के स्ट्रेटेजिक रिव्यू की घोषणा की थी और कहा था कि पब्लिक लिस्टेड कंपनी का मूल्यांकन किया जाएगा, जिसमें कई पहलुओं को शामिल किया जाएगा, जिसमें इंडियन एंटिटी में नोवार्टिस एजी की 70.68 फीसदी हिस्सेदारी भी शामिल है। नोवार्टिस के देश में 8100 से अधिक सहयोगी कर्मचारी हैं।
एक अन्य रिपोर्ट में मनीकंट्रोल ने बताया था कि एल्केम लैब के प्रमोटर्स कंपनी में अपनी हिस्सेदारी हल्की कर रहे हैं, ताकि कंपनी के बोर्ड में एक प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टर को शामिल किया जा सके। शेयरों की यह बिक्री ऐसे समय में होने वाली है, जब यह केकेआर के निवेश वाली फार्मा कंपनी जेबी केमिकल्स एंड फार्मा को खरीदने के लिए बोली लगा रही है।
मनीकंट्रोल ने इससे पहले 12 सितंबर को जानकारी दी थी कि एल्केम के प्रमोटर्स सिंह फैमिली प्राइवेट इक्विटी फंडों को नियंत्रण वाली यानी 50 फीसदी से अधिक भी हिस्सेदारी देने के लिए तैयार हैं। प्रमोटर्स के पास कंपनी की 56.38 फीसदी हिस्सेदारी है।