रेलिगेयर एंटरप्राइजेज (आरईएल) और इसके सबसे बड़े शेयरहोल्डर की राय अब छुपी नहीं रह गई है। दरअसल, बर्मन फैमिली की कोशिश कंपनी का नियंत्रण हासिल करने की है। बर्मन परिवार देश के बहुत पुराने औद्योगिक घरानों में शामिल है। इसकी कंपनी और ब्रांड डाबर की पहचान घर-घर में है। यह परिवार 100 साल से ज्यादा समय से बिजनेस में है। आरईएल पर नियंत्रण की डाबर की कोशिश का विरोध कंपनी का मैनेजमेंट इस आधार पर कर रहा है कि बर्मन परिवार को फाइनेंशियल कंपनी चलाने का अनुभव नहीं है। आइए इस पूरे मामले को समझने की कोशिश करते हैं।
बर्मन फैमिली की कंपनी में 25 फीसदी हिस्सेदारी
Burman Family ने 25 सितंबर, 2023 को Religare Enterprises (REL) के 5.27 फीसदी शेयर खरीदे थे। कंपनी में पहले से उसकी 21.24 फीसदी हिस्सेदारी थी। इससे उसकी हिस्सेदारी कंपनी में बढ़कर 25 फीसदी से ज्यादा हो गई। SEBI के नियमों के तहत अब बर्मन फैमिली के लिए ओपन ऑफर पेश करना जरूरी हो गया। उसने ओपन ऑफर पेश किया। 26 सितंबर (2023) को ओपन ऑफर पेश करने के अगले ही दिन REL की चेयरपर्सन रश्मि सलूजा और दूसरे एग्जिक्यूटिव्स ने अपने शेयर बेच दिए। बर्मन फैमिली ने सेबी से इस मामलें की जांच की मांग की। उसने आरोप लगाया कि मैनेजमेंट कंपनी पर उसके नियंत्रण की कोशिश में रोड़े अटका रहा है।
रश्मि सलूजा के खिलाफ ईडी ने शुरू की है जांच
बताया जाता है कि सेबी ने इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोपों पर रश्मि सलूजा को कारण बताओ नोटिस (Show Cause notice) जारी किया है। यह नोटिस अगस्त के अंतिम हफ्ते में जारी किया गया। इससे करीब एक महीना पहले सेबी ने कंपनी और उसके बोर्ड को बर्मन परिवार की तरफ से पेश किए गए ओपन ऑफर को कामयाब बनाने में सहयोग करने को कहा था। इस बीच एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने सलूजा और कंपनी के दो डायरेक्टर्स के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश रचने के आरोपों की जांच शुरू की है। सलूजा ने इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और फाइनेंस मिनिस्ट्री से हस्तक्षेप की मांग की है।
रश्मि सलूजा पर गंभीर आरोप
ईडी ने सितंबर में सलूजा और दो डायरेक्टर्स के खिलाफ केस इसलिए फाइल किया क्योंकि ये रेलिगेयर के अधिग्रहणा में रोड़े अटका रहे थे। उन्होंने बर्मन ब्रदर्स के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए एक व्यक्ति का इस्तेमाल किया। ईडी के मुताबिक, REL के शेयरधारक वैभव गावली ने कहा है कि उन्होंने बर्मन ब्रदर्स के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उन पर शिविंदर और मालविंदर मोहन सिंह के साथ मिलकर वित्तीय अनियमितता में शामिल होने का आरोप लगाया गया। गावली ने यह भी कहा कि उन्होंने सलूजा और दो अन्य लोगों के कहने पर यह शिकायत दर्ज कराई थी।
रेलिगेयर के स्टॉक ने 6 महीने में दिया 30 फीसदी रिटर्न
26 सितंबर को रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के शेयरों में तेजी दिखी। इसका प्राइस 12:14 बजे 1 फीसदी चढ़कर 277.75 रुपये था। बीते छह महीनों में यह शेयर 30 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है।