IEX Share Price: भारत सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी IEX (इंडियन एनर्जी एक्सचेंज) के निवेशकों को एक बार फिर से झटका लगा है। कंपनी के शेयरों में आज 12 फीसदी की बड़ी गिरावट आई। करीब 2 सालों की लंबी सुस्ती के बाद इस साल IEX के शेयरों में तेजी आनी शुरू हुई थी, लेकिन आज की गिरावट ने एक बार फिर निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। सवाल है कि यह गिरावट आई क्यों? ऐसी खबरें हैं कि सरकार पावर एक्सचेंजों के लिए मार्केट कंपलिंग का नियम लागू करने की तैयारी में है। इसी नियम के चलते देश की सबसे बड़ी पावर एक्सचेंज, IEX के स्टॉक दबाव में आ गए हैं। लेकिन यह मार्केट कपलिंग का नियम है क्या? आइए जानते हैं। साथ ही जानेंगे कि IEX के कारोबार पर इसका क्या असर पड़ेगा और सरकार को इसके लागू करने में क्या फायदा है?
भारत में तीन पावर एक्सचेंज हैं। इनमें IEX के अलावा पावर एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड (PXIL) और हिंदुस्तान पावर एक्सचेंज लिमिटेड (HPX) हैं। जैसे स्टॉक एक्चेंजों पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे हीं पावर एक्सचेंजों पर बिजली खरीद और बेची जाती हैं। लेकिन जैसे आपने देखा होगा कि स्टॉक एक्सचेजों पर एक ही शेयर की कीमत में कुछ अंतर होता है। बीएसई और एनएसई पर एक ही शेयर के दो भाव होते हैं और उनमें कुछ पैसों का अंतर होता है। वैसे ही पावर एक्सचेजों पर भी होता है। यानी हर पावर एक्सचेंज पर इलेक्ट्रिसिटी की कॉस्ट, थोड़ी ही सही लेकिन अलग है। लेकिन इसी समस्या को दूर करने के लिए सरकार मार्केट कपलिंग लागू करने पर विचार कर रही है।
मार्केट कंपलिंग एक मॉडल है, जिसके तहत सभी पावर एक्सचेंजों पर Buy और Sell की आने वाली बोलियों को एक जगह इकठ्ठा करके मिलाया जाता है और फिर उसके आधार पर एक समान मार्केट क्लियरिंग प्राइस (MCP) तय किया जाता है। इससे सभी पावर एक्सचेंजों पर कारोबार हो रही बिजली की एक समय में एक ही कीमत होगी।
अब खबर है कि सरकार ने ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया को इससे जुड़ी अपनी स्टडी को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है। इसके बाद सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (CERC) इस बारे में अंतिम फैसला लेगा। एक दूसरी मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकार यानी वित्त वर्ष 2025 के अंत तक या अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में मार्केटिंग कपलिंग की नई व्यवस्था लागू करने की योजना बना रही है। अब दिक्कत यह है कि अगर इसे लागू किया गया तो पावर एक्सचेंज एक ऐसे प्लेटफॉर्म बन जाएंगे, जहां सिर्फ Buy और Sell की बोलियां इकठ्ठा की जाएगीं और खरीदार को बिजली भेज दी जाएगी।
IEX यानी इंडियन एनर्जी एक्सचेंज को इसमें घाटा यह है कि अभी बिजली की लगभग 90% ट्रेडिंग IEX के प्लेटफॉर्म से होती है। दूसरे एक्सचेंज पर ट्रेडिंग ना के बराबर होती है। लेकिन मार्केट कपलिंग आने के बाद सभी जगह एक प्राइस होने से दूसरे एक्सचेंज का भी कारोबार बढ़ेगा। नए पावर एक्सचेंज भी खुलने का भी अवसर पैदा होगा। ऐसे में कंपनी का एकाधिकार कम हो जाएगा। इसीलिए शेयर पर दबाव है।
मार्केट कपलिंग को सरकार भी इसलिए भी लागू करना चाहती है क्योंकि वह लंबी अवधि के मौजूदा बिजली खरीद समझौते (PPA) के चलन को कम करना चाहती है, जो आमतौर पर 25 साल तक चलते हैं। सरकार को उम्मीद है इस नियम से एक्सचेजों पर बिजली की खरीदारी बढ़ेगी। साथ ही ट्रांसमिशन लाइन का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा।