लोकॉस्ट एयरलाइन स्पाइसजेट (SpiceJet) ने इंजन लीज फाइनेंस कॉरपोरेशन (ELFC) के साथ अपना विवाद निपटा लिया है। एयरलाइन ने 24 सितंबर को बयान जारी कर यह जानकारी दी। इंजन लीज फाइनेंस कॉरपोरेशन ने 1.67 करोड़ डॉलर का क्लेम किया था। हालांकि, स्पाइसजेट ने सेटलमेंट की रकम के बारे में जानकारी नहीं दी, लेकिन उसका कहना था कि यह रकम शुरुआती क्लेम की रकम से कम है।
एयरलाइन कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह ने बताया कि ELFC के साथ हुए समझौते से न सिर्फ पुराने विवाद खत्म होंगे, बल्कि उसके लिए अगले दौर की ग्रोथ और एक्सपैंशन की भी शुरुआत हो सकेगी। स्पाइसजेट के मुताबिक, दोनों पक्षों के प्रतिनिधि अब इस सेटलमेंट एग्रीमेंट पर औपचारिक तौर पर मुहर लगाएंगे। इसके साथ ही, तमाम मुकदमे भी वापस ले लिए जाएंगे।
इसमें कहा गया है, ‘यह समझौता अपने ऑपरेशंस को दुरुस्त करने और भविष्य की ग्रोथ पर फोकस करने की स्पाइसजेट की मौजूदा कोशिशों की दिशा में अहम कदम है।’ स्पाइसजेट को किराए पर एयरक्राफ्ट इंजन देने वाली कंपनी इंजन लीज फाइनेंस ने मई 2004 में इस एयरलाइन के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल में इंसॉल्वेंसी याचिका दायर की थी। यह याचिका 1.2 करोड़ डॉलर (तकरीबन 100 करोड़ रुपये) का भुगतान नहीं करने के मामले में दायर की गई थी। ELF ने स्पाइसजेट को 8 इंजन लीज पर दिए थे। इंजन के रेंट और ब्याज को मिलाकर ELF ने तकरीबन 1.6 करोड़ डॉलर की रकम का दावा किया था।
स्पाइसजेट ने अपने हालिया बयान में यह भी बताया कि उसने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के जरिये 3,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जिसमें निवेशकों ने काफी दिलचस्पी दिखाई थी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 24 सितंबर को एयरलाइन कंपनी का शेयर पर्सेंट की के साथ रुपये पर बंद हुआ।